न्यायालय श्रीमान् द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय देवसर,
जिला – सिंगरौली (म.प्र.)
प्रकरण
क्रमांक –
म.प्र.
राज्य ......................... अभियोगी
बनाम
उमेश
गुप्ता, राकेश गुप्ता तथा अन्य ............. आरोपीगण
गीता
सेल्स एण्ड डेवलपर्स .......................... आपत्तिकर्ता
अपराध
अन्तर्गत धारा – 420, 409, 34 भा.द.सं. तथा धारा 6 (1) निक्षेपकों
के हितों के संरक्षण अधिनियम, 2000
जवाब, आपत्ति पत्र क्र.
2184/20 दिनांक 09-11-2020 थाना- जियावन, जिला- सिंगरौली (म.प्र.)
मान्यवर,
आपत्तिकर्ता के आपत्ति दिनांक 27-01-2021 का
अभियोजन पक्ष की ओर से निम्नलिखित जवाब विनय है-
1.
यह कि आपत्तिकर्ता की आपत्ति आवेदन का पैरा क्र.
1 ता 5 सारहीन होने से निरस्त / ख़ारिज करने योग्य है।
2.
यह कि आपत्ति के पैरा क्र. 02 में वर्णित आराजी
खसरा क्र. 67/3, 67/4, 538/2, 529, 542/1/a/2 कुल रकवा – 09 एकड़ स्थित ग्राम – गोरतरा, तहसील – सोहागपुर, जिला – शहडोल (म.प्र.) आरोपीगण DGR फर्म्स एण्ड
लिजियर्स लिमिटेड, राकेश गुप्ता आत्मज शिव नारायण गुप्ता आदि के नाम बतौर भूमिस्वामी
दर्ज है जिसे आपत्तिकर्ता गीता सेल्स एण्ड डेवलपर्स द्वारा एक संयुक्त उपक्रम
भूमि विकास विलेख (Dead of Joint Venture and Land Development) के जरिये राकेश गुप्ता, DGR फर्म्स के मध्य एक
एग्रीमेन्ट निष्पादित कर उक्त भूमियों को प्राप्त कर उसे विकसित कर विक्रय
करने का अधिकार प्राप्त किया है। उक्त भूमियों के विक्रय, अन्तरण करने से
होने वाली आय में उभय पक्ष आधे-आधे हिस्से के लाभ प्राप्त करेंगे।
3.
यह कि आपत्तिकर्ता द्वारा प्राप्त उक्त सभी
भूमियों का क्रय आरोपीगण राकेश गुप्ता, उमेश गुप्ता तथा DGR फर्म्स ने निवेशकों, जमाकर्ताओं के जमा धन
को धोखा देकर हड़प कर क्रय किया है, जो घोर आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता
है।
4.
यह कि आरोपीगण राकेश गुप्ता, उमेश गुप्ता तथा
उनकी फर्म आम जनता का धन धोखाधड़ी कर अपने DGR फर्म में जमा कराकर अंत में जमाकर्ता आम
जनता को उनके द्वारा जमा धनराशि बगैर उन्हें भुगतान किये उसी जमा धनराशि से ग्राम-
गोरतरा, तहसील- सोहागपुर, जिला- शहडोल (म.प्र.) में पैरा क्र. 02 में
वर्णित भूमियॉं खरीदकर आपत्तिकर्ता को उक्त भूमियों को विकसित कर, प्लॉटिंग, फ्लैट, बिल्डिंग बनाकर
विक्रय करने हेतु दे दिया गया है, जिससे आपत्तिकर्ता भी आरोपीगण के उक्त अपराध में
सहभागिता कर संलिप्त है।
5.
यह कि निवेशकों / आम जनता से प्राप्त जमा धनराशि
को धोखाधड़ी से हड़प कर उसी जमा धनराशि से पैरा क्र. 02 में वर्णित ज़मीनों को
क्रय करना घोर आपराधिक कृत्य है तथा उक्त ज़मीनों को बिना समुचित जॉंच पड़ताल के
आपत्तिकर्ता द्वारा विकसित कर, प्लॉटिंग, फ्लैट, बिल्डिंग बनाकर विक्रय कर आधे – आधे लाभ
कमाने का अनुबंध निष्पादित करना भी घोर उपेक्षा तथा आपराधिक कृत्य की श्रेणी में
आता है, जिससे उक्त सभी ज़मीनों को उक्त प्रकरण में अटैच किया जाना न्यायोचित
होगा।
अस्तु
जवाब पेश कर विनय है कि आम निवेशकों / जमाकर्ताओं से धोखाधड़ी कर आरोपी फर्म व
आरोपीगण द्वारा हड़पी राशि से खरीदी गई उक्त भूमियों को उक्त प्रकरण में अटैच कर
आम जनता का हित सुरक्षित किये जाने की कृपा हो तथा आपत्तिकर्ता की आपत्ति सव्यय
निरस्त किये जाने की आज्ञा प्रदान हो।
त्रिपाठी भवदीय
अपर लोक अभियोजक मध्यप्रदेश शासन
न्यायालय देवसर
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