पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों के संगठनों ने नई पेंशन का विरोध आए दिन किया है। सरकार से पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग कर रहे कर्मचारी संगठनों ने नई पेंशन योजना में किसी भी प्रकार के हेर फेर का विरोध करते हुए पुरानी पेंशन, अर्थात् अंतिम वेतन के 50 प्रतिशत वाली पेंशन पर ज़ोर दिया है। भारत के कुछ राज्यों ने तो पुरानी पेंशन योजना आए दिन बहाल कर दिया है, जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, हिमाचल, पंजाब, जबकि दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल ने पुरानी पेंशन को कभी हटाया ही नहीं था। अन्य राज्यों समेत केन्द्रीय कर्मचारी भी पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग कर रहे हैं, ऐसे में सरकार ने नई एवं पुरानी पेंशन योजना के बीच का रास्ता खोजने का भरसक प्रयास किया है।
गारण्टीड पेंशन योजना |
7 जून 2023 को आन्ध्र प्रदेश की कैबिनेट ने पुरानी पेंशन जैसी सुविधा देने वाली गारण्टीड पेंशन योजना को स्वीकृति दे दी है। आन्ध्र प्रदेश की सरकार ने पहले भी जीपीएस (Guaranteed Pension Scheme) करके एक योजना लायी थी जिसमें अंतिम वेतन का 30 प्रतिशत पेंशन (यदि कर्मचारी का एनपीएस मॉडल जैसे वेतन से 10 प्रतिशत कटौती होती है) एवं अंतिम वेतन का 40 प्रतिशत पेंशन (यदि कर्मचारी का एनपीएस मॉडल जैसे वेतन से 14 प्रतिशत कटौती होती है) का प्रावधान था। परन्तु उस समय गारण्टीड पेंशन स्कीम में किसी भी प्रकार के महंगाई भत्ते आदि की व्यवस्था नहीं थी। परन्तु इस बार जीपीएस में सरकार ने कुछ बदलाव किये हैं जो निम्नानुसार हैं -
1. अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन
2. साल में 2 बार छमाही महंगाई भत्ता
3. वेतन से 10 प्रतिशत कर्मचारी के वेतन से कटेगा, परन्तु जीपीएफ आदि न मिलकर अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन मिलेगा
4. वेतन से कट रहा पैसा सरकार पेंशन आदि में खर्च करेगी, कर्मचारी को वह रूपये न मिलेगा
एक हिसाब से देखा जाए तो कर्मचारी के वेतन से कट रहा 10 प्रतिशत जैसे वेतन ही कम दिया जा रहा हो जैसे होगा, एवं अंतिम वेतन के कर्मचारियों के पेंशन निर्धारण में यह महत्वपूर्ण रहेगा। इस योजना के तहत कर्मचारी को अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत गारण्टीड पेंशन भी मिल जाएगा और सरकार पर अधिक आर्थिक बोझ भी न आएगा।
कैबिनेट मीटिंग में आंध्रप्रदेश की सरकार ने कहा कि पुरानी पेंशन लागू करने से सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ता जाएगा और सरकार पर यह बोझ इतना बढ़ जाएगा कि सरकार अन्य कार्यों के लिए अर्थविहीन हो जाएगी जिससे सरकार संकट से जूझेगी। वैसे पश्चिम बंगाल की सरकार ने भी पुरानी पेंशन की वजह से कई तरह की समस्याओं का हवाला दिया है, वर्तमान में जैसे कर्मचारी कई महीनों से महंगाई भत्ते के लिए आन्दोलन कर रहे हैं।
दूसरी तरफ केन्द्र की सरकार ने एनपीएस रिव्यू कमेटी अप्रैल 2023 के पहले सप्ताह बनाई थी जिसकी रिपोर्ट आना बकाया है। आन्ध्रप्रदेश की सरकार ने पिछले वर्ष भी जीपीएस का मॉडल दिया था जिसका विरोध स्वयं आन्ध्रप्रदेश में भी हुआ था, परन्तु भारत के कई राज्यों ने आन्ध्र मॉडल अपनाने पर विचार किया था। अब देखने वाली बात रहेगी कि क्या सरकारें जो कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं देना चाहतीं, क्या वे सरकारें आन्ध्रप्रदेश के इस मॉडल को स्वीकार करेंगी? वैसे आप एक सरकारी कर्मचारी के तौर पर क्या सोचते हैं कि क्या आन्ध्र मॉडल का नया गारण्टीड पेंशन स्कीम कारगर साबित होगा अथवा नहीं?
No comments:
Post a Comment