देवसर: माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालाको का संरक्षण अधिनियम 2012, देवसर, जिला सिंगरौली (म.प्र.) (पीठासीन अधिकारी – ओम प्रकाश रजक) द्वारा अभयराज सिंह पिता शुभकरण सिंह, उम्र 52 वर्ष, निवासी ग्राम क्योटिली, आरक्षी केन्द्र गढ़वा, जिला सिंगरौली, को आरक्षी केन्द्र गढ़वा में दर्ज नाबालिग के साथ ज़बरदस्ती के मामले में दोषी पाते हुए धारा 342 भा.द.वि. के तहत तीन माह के साधाराण कारावास व 300/- रू अर्थदण्ड व धारा 354 भा.द.वि. के तहत 2 वर्ष के साधाराण कारावास व 500/- रू अर्थदण्ड तथा धारा 07 सह-पठित धारा 08 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत 3 वर्ष के साधाराण कारावास व 1000 /- रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
Press News: 09/08/2021 (Judgement Date)
इस मामले में शासन की ओर से श्री सूर्य प्रसाद पाण्डेय, अपर लोक अभियोजक, देवसर जिला सिंगरौली ने पैरवी की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 07/04/2017 को समय शाम करीब 05:00 बजे ग्राम क्योटिली, आरक्षी केन्द्र गढ़वा, जिला सिंगरौली के अन्तर्गत अल्प वयस्क पीडि़ता अपने पड़ाेसी अभियुक्त अभयराज के घर में छन्ना (चना व जौ छानने वाला यंत्र) लेने गयी थी, उस समय अभियुक्त के घर में कोई और नहीं था। पीडि़ता अभियुक्त के कहने पर घर के अन्दर गयी तो अभियुक्त ने घर का दरवाजा बन्द कर उसे पकड़कर बिस्तर में पटकने का प्रयास करने लगा। पीडि़ता द्वारा विरोध करने पर अभयराज पीडि़ता के कपड़े पकड़कर खींचा और छाती दबाने लगा और कहने लगा कि आज वह पीडि़ता की इज्ज़त लेकर ही छोड़ेगा। किसी तरह से पीडि़ता आरोपी अभयराज के चंगुल से छूटकर घर भाग गयी। अभियुक्त ने पीडि़ता से बोला यह बात किसी को नहीं बताना नहीं तो बदनामी होगी और अगर बताया तो अभियुक्त अभयराज पीडि़ता के माता-पिता को जान से मार देगा। पीडि़ता के पिता की मानसिक स्थिति ठीक न होने की वजह से और पीडिता के चाचा आर्मी में होने की वजह के कोई और भी इस घटना की शिकायत पुलिस में न कर सका। आर्मी चाचा को फोन पर जानकारी दी तो वह अवकाश में घर आये और दिनांक 13/05/2017 को थाना गढ़वा जाकर इसकी रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करायी। पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर अभियोग पत्र देवसर न्यायालय में पेश किया।
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देवसर: माननीय न्यायालय श्रीमान् प्रेमदीप सांकला न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी देवसर, जिला सिंगरौली द्वारा आरोपी लालमन पिता गोगल केवट उम्र 54 वर्ष, पुण्य प्रताप केवट उर्फ लल्लू पिता लालमन केवट उम्र 31 वर्ष तथा कमलेश उर्फ पुल्लू् पिता लालमन केवट उम्र 29 वर्ष, सभी निवासी ग्राम शिवपुरवा थाना- गढ़वा, जिला सिंगरौली, को थाना गढ़वा में दर्ज गम्भीर मारपीट के मामले में दोषी पाते हुए 2 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा एवं 1,000/- रूपये अर्थदण्ड से प्रत्येक को दण्डित किया।
Press News: 06/08/2021 (judgement date)
इस मामले में शासन की ओर से श्री कृष्ण् प्रताप सिंह, ए.डी.पी.ओ, देवसर जिला सिंगरौली ने पैरवी की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी गोगल केवट का बड़ा बेटा लालमन नया मकान बनाने के लिए नींव की खुदाई कर रहा था। फरियादी द्वारा मना करने पर लालमन गाली-गलौच करते हुए हाथ-मुक्का व लाठी-ठण्डे से मारपीट करने लगा। इसी दौरान लालमन के बेटे लल्लू व पुल्लू भी साथ मिलकर फरियादी के साथ मारपीट करने लगे। हल्ला- गुहार करने पर गांव के ही छोटेलाल केवट व फरियादी के छोटे बेटे मुन्नालाल केवट द्वारा बीच-बचाव किया गया। मारपीट से फरियादी गोगल केवट के बाएं जबड़े में खंरोच, दाहिने हाथ की बीच वाली अंगुली में खून आलूदा चोट तथा बाएं पैर की गांठी व उसके नीचे सूजनदार चोट आयी है। तत्पश्चात् फरियादी ने थाने जाकर एफ.आई.आर. दर्ज करायी जिसमें गढ़वा पुलिस ने अपराध धारा 325, 34 भा.द.सं. का मामला दर्ज किया और विवेचना कर आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
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देवसर। कस्बा सरई में पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि बंशीलाल गुप्ता पिता कुंजलाल गुप्ता निवासी कस्बा सरई, अपने घर के सामने चबूतरे पर अवैध रूप से डीजल और पेट्रोल बेचा करता है। पुलिस ने बंशीलाल गुप्ता के घर जाकर देखा तो वह डीजल और पेट्रोल अवैध रूप से बेच रहा था। मौके पर पुलिस ने आरोपी बंशीलाल के घर से 240 लीटर डीजल और 150 लीटर पेट्रोल जब्त कर आरोपी बंशीलाल को गिरफ्तार कर लिया। प्रकरण में जब्तशुदा द्रव्य की खाद्य निरीक्षक से जांच करायी गयी तथा अन्वेषण पश्चात् अभियोग पत्र देवसर न्यायालय में पेश किया गया।
ADPO KRISHNA PRATAP SINGH
न्यायालय देवसर ने मामले को संज्ञान में लेते हुए आरोपी बंशीलाल गुप्ता को अपराध धारा 285 भा.द.सं. के तहत 6 महीने के कारावास और 1000/- रूपये अर्थदण्ड तथा अपराध धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत 1 वर्ष के कारावास और 1000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया। इस मामले में अभियोजन की तरफ से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी कृष्ण प्रताप सिंह ने किया।
देवसर न्यायालय (अभियोजन) द्वारा आपराधिक ख़बर के साथ जुड़े रहने के लिए आप हमारे साथ बने रहें। लेखक स्वयं कार्यालय सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी देवसर, जिला- सिंगरौली (म.प्र.) में सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदस्थ है। लेखक का यूट्यूब चैनल डिजिटल सॉफ्ट हब आप विजिट कर सकते हैं, जिस पर ज्ञानवर्धन वीडियोज उपलब्ध हैं।
अपने देश भारतवर्ष में शादी को पवित्र बन्धकन समझा जाता है। बच्चेर भगवान का रूप माने जाते हैं। इसी देश में हम स्त्री को देवी का दर्जा दिये हुये हैं, परन्तु क्यान हकीकत में हम इन नैतिकता को अपनाते हैं? मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले की एक ऐसी घटना जो आपको यह सोचने पर मज़बूर कर देगी कि आखिर हम किस तरफ जा रहे हैं।
क्राईम खब़र: बात तकरीबन 4 वर्ष पूर्व (सन् 2014) की है जब कुसुमकली नाम की लड़की (तब उम्र तकरीबन 18 वर्ष, निवासी बड़ोखर, थाना बरगवां, जिला- सिंगरौली म.प्र.) राजेन्द्रज जायसवाल (तब उम्र तकरीबन 22 वर्ष, निवासी मझिगवां, थाना बरगवां, जिला- सिंगरौली म.प्र.) से विवाह के बन्धमन में बधने जा रही थी। वही खुशी-हर्षेाल्लानस जो एक लड़की अब दो घरों की बेटी होने वाली थी, उसके भी सपने थे जो शायद हर लड़की मन में संजोये रखती है। शादी के कुछ वर्ष बाद ही कुसुमकली-राजेन्द्रु के घर एक बेटी का जन्मी हुआ एवं उसके तकरीबन एक साल बाद दूसरी लकड़ी का। शादी के कुछ समय बाद ही कुसमकली ने अपने ससुराल वालों के स्वीभाव में बदलाव देखा। राजेन्द्र कुछ काम-धाम न करता, निठल्लास पड़ा रहता और अपना गुस्सां अपनी पत्नीु कुसुमकली पर निकालता। वक्तन बीतता गया। राजेन्द्र के माता-पिता ने भी राजेन्द्र् के इस स्वलभाव का समर्थन किया एवं वो भी नवविवाहिता कुसुमकली को ताने देने लगे। कभी दहेज को लेकर, तो कभी बेवजह। अब कुसुमकली का सुसुर भी उससे आये दिन मारपीट करने लगा।
कुसुमकली जब कभी अपने मायके बड़ोखर आती, वह अपने माता-पिता से उसके प्रति हुयी हिन्साभ एवं दुर्व्यवहार के बारे में बात करती। वह दुखी मन से अपने सपनों को टूटने एवं बदनसीबी का बखान करती। परन्तु उसके माता-पिता ने समझाइश दी की घर अपना है, वो भी अपने है, तुम्हें वहीं जिन्दकगी बितानी है, सामन्जतस्यप करके रहो। ऐसा ही हुआ। कुसुमकली अपने ससुराल में ही रह रही थी, इस उम्मीैद के साथ कि उसकी भी जिन्ददगी में खुशियों का पल आयेगा। उसके साथ दो मासूम बच्चियों का भविष्य भी जुड़ा था।
वक्ति को कौन रोक पाया है? यह बीतता है और बीतता ही रहता है। परन्तु कोई अगर वक्तल के साथ खुद में बदलाव न लाये, आपराधिक प्रवृत्तियों को अन्जातम देता रहे तो एक दिन यही छोटे-छोटे लड़ाई-झगड़े बहुत बड़े अपराध में तब्दीवल हो जाया करते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ कुसमकली के साथ। दिन-प्रतिदिन होने वाला यह झगड़ा एक बहुत बड़े अपराध में बदल गया। घटना कुछ इस प्रकार है-
21/10/2018 को रात 9 बजे करीब कुसुमकली का झगड़ा उसके पति राजेन्द्रय, ससुर सुखराज एवं सास पानपति जायसवाल से हुआ। उस रात बहुत झगड़ा हुआ, परिणामस्वगरूप उसी रात (22/10/2018 को रात्रि 12 बजे बाद अगला दिन लग गया था) 3 बजे जब कुसुमकली सो रही थी, उसका पति राजेन्द्र व ससुर सुखराज ने उस पर मिट्टी का तेल डालकर जिन्दाग जला दिया। उस वक्तब उसकी सास भी थी जो यह बोल रही थी कि वह जिन्दा न बचने पाये। हैवानियत की हद तो तब हो गयी जबकि पति, ससुर व सास ने मिलकर जलाने के बाद ना तो अस्पिताल ले गये और न ही पीडि़ता के माता-पिता को सूचित किया।
कुसुमकली के माता-पिता को इसकी सूचना उनके बहनोई ने दी। दुखद ख़बर पाते ही पीडिता के माता-पिता मझिगवां अपने बेटी के पास पहुँचे। जाने से पहले पुलिस में इसकी रिपोर्ट भी करा दिये थे। 22/10/2018 को कुसुम के माता-पिता उसे बैढ़न अस्पपताल ले गये। उपचार के दौरान गम्भी र मामला होने की वजह से पुलिस ने चिकित्ससक की उपस्थिति में कुछ सवाल किये, इस वक्तल तक कुसुमकली की हालात तो गम्भीचर थी, परन्तु वह होशोहवास में थी। पुलिस को कथन में उसने मारपीट आदि बात को दोहराया व कहा कि उसे मिट्टी का तेल डालकर उसके पति व ससुर ने जिन्दास जलाने की कोशिश की। कुसुमकली की तबियत और ख़राब होने लगी, तब उसे तारीख़ 24/10/2018 को जबलपुर मेडिकल कॉलेज रिफर किया गया। हालात और गम्भीीर होती गयी और अंतत: 26/10/2018 को सुबह 9 बजे कुसुमकली ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
उधर बरगवां पुलिस ने कुसुमकली के माता-पिता के रिपोर्ट के अनुसार धारा 307, 34 भा.द.सं. (307 भा.द.सं. हत्या। के प्रयत्नर के लिए जबकि 34 भा.द.सं. जब दो या ज्यासदा अपोपी किसी एकमत जुर्म को अन्जा.म दें) का अपराध दर्ज कर आरोपियों राजेन्द्रब, सुखराज व पानपति को अपराध कारित करने के एक हफ्ते के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया। तहकीकात में मौके पर कुसुमकली के घर में मिट्टी के तेल का डिब्बार, कोकाकोला बड़ा बाटल में मिट्टी का तेल, अधजले कपड़े, माचिस व तीलियां आदि बरगवां पुलिस को मिलीं। उनको न्याबयिक हिरासत में भेजा गया, परन्तु कुसुमकली की मौत जबलपुर में होते ही, जबलपुर पुलिस ने सिंगरौली पुलिस को इस बात की सूचना दी। जबलपुर के डॉक्टररों ने भी मौत का कारण साफ किया कि कुसुमकली की मौत जलने की वजह से हुई है। कुसुमकली के घरवालों में मातम छा गया, ऐसा लग रहा था मानो अन्धभकार ही अन्धवकार हो। अब कुसुमकली की मौत हो चुकी थी, मौत की वजह भी साफ थी तो बरगवां पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 302 भा.द.सं. हत्याी के अपराध को बढ़ा दिया। अब पुलिस ने अभियोग पत्र न्याकयालय में पेश किया जहां देवसर अभियोजन की तरफ से अभियोजक मारकण्डेढयमणि त्रिपाठी व अभियुक्तो की तरफ से देवसर के जाने-माने सीनियर एडवोकेट संतराम बैस ने पैरवी की। आरोपीगण कहते रहे कि वो निर्दोष हैं और उन्होंतने कोर्ट में यही बात रखी, परन्तुय देवसर कोर्ट के समक्ष देवसर अभियोजन ने यह साबित कर दिया कि यह एक जघन्ये अपराध था और कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।
उधर अब अभियुक्तन पक्ष को सज़ा सुनिश्चित लग रही थी तो उन्हों ने कम से कम सज़ा प्राप्त। करने की मांग की। परन्तु् यह अपराध की ऐसी प्रकृति थी कि बड़े से बड़ा दण्डस भी कम लगे। देवसर कोर्ट ने यह बात कहते हुए कि ऐसा जघन्यग अपराध न सिर्फ एक जिन्दिगी लिया बल्कि दो मासूम बच्चियां, एक तेरह माह की व दूसरी तीन माह की, उनको भी बेसहारा कर दिया, उनका बचपन छीन लिया। देवसर कोर्ट ने दिनांक 21/06/2021 को आरोपीगण राजेन्द्रण (कुसुमकली का पति), सुखराज (कुसुमकली का ससुर) व पानपति (कुसुमकली की सास) को सश्रम कारावास एवं 2-2 हज़ार रूपये के अर्थदण्डह से दण्डित किया। देवसर कोर्ट ने मासूम बच्चियों की परवरिश के लिये मध्यएप्रदेश सरकार से प्रतिराशि हेतु आवेदन भी कर दिया है।
इस घटना में आरोपियों न सिर्फ एक जिन्दागी को मारा बल्कि दो मासूम की जिन्देगियां बर्बाद कर दिया। आरापियों को बदले में मिला क्या? सज़ा, वह भी उम्रकैद। सारी जिन्द गी अब उनकी जेल में बीतेगी तथा पानपति को न तो अब उसकी ख्वाहिश के मुताबिक दूसरी बहू मिलेगी और न ही समाज से वह सम्माान जिसे हर कोई पाना चाहता है। अफ़सोस वाली बात यह है कि इतना सब कुछ हुआ और कोई न था कुसुमकली के प्रति होते हुए हिंसा के खिलाफ बोलने वाला। शुक्र मनाइये कि कई बार किसी की बहन, किसी की बेटी, किसी की मां, किसी की अब पत्नीै सिर्फ इसलिये आपके खिलाफ नहीं बोलती क्योंककि उसे जिन्दागी में आपकी अहमियत है। हैरानी तो तब होती है जब लोग अपने को भगवान के प्रति समर्पित होकर व उनकी कसम खाकर किसी के साथ अच्छी जिन्दपगी जीने के लिए शादी के बन्धसन में बंधते हैं और बाद में वही लोग भगवान के सामने खाये हुये उन कसमों को भूल जाते हैं जो हैवानियत का रूप ले लेती है।
अपराध का सिर्फ एक की फल होता है और वह है सज़ा। देवसर अभियोजन ने अपराधियों को कड़ी सज़ा दिलाकर समाज को यह बता दिया है कि अगर आपके साथ कुछ गलत हो रहा है, तो आप पुलिस के पास जाइये। या कानून की किसी भी प्रकार से मदद लीजिये। परन्तुि आपको किसी की जिन्दयगी का फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है।
उम्मीवद है आपको यह सच्चीे घटना से कुछ सीख मिली होगी। लेखक स्वयं देवसर अभियोजन में सहायक ग्रेड-3 है। लेखक विभिन्ना विषयों पर उपयोगी आर्टिकल्से लिखता रहता है। आप विभिन्नध प्रकार की ज्ञानवर्धन एवं उपयोगी वीडियोज देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल डिजिटल साफ्ट हब पर जा सकते हैं।
हिन्डाल्को कम्पनी बरगवां जिला- सिंगरौली (म.प्र.) में कार्यरत फरियादी संजय चतुर्वेदी दिनांक 14/03/2021 को शादी समारोह में मिर्जापुर गये हुये थे, जब वापस दिनांक 20/03/2021 को अपने कंपनी हिन्डाल्को निवास बरगवां आये तो पाया कि घर का ताला टुटा हुआ था और बेश कीमती सामान सोना-चाँदी, जेवरात व घडि़याँ गायब थीं। थाना बरगवां में रिपोर्ट पश्चात अज्ञात के खिलाफ़ अपराध धारा 457, 380 भा.द.वि. का दर्ज कर अपराधियों की तलाश की गयी तो इसमें आदतन बदमाशों का हाथ होना पाया गया। पुलिस गिरफ्त में पूछताछ पर कुख्यात बदमाशों ने चोरी का अपराध कुबूल किया, इन बदमाशों से लगभग 5,60,000/- रू. का सोना-चॉंदी भी बरामाद किया गया।
आरोपियों के नाम गोपी उर्फ रामस्वरूप बसोर उम्र 27 वर्ष निवासी चौराडांड थाना बरगवां, बहादुर बसोर उम्र 25 वर्ष निवासी लामीदह थाना सरई, व रामसागर बसोर उम्र 40 वर्ष निवासी लामीदह थाना सरई है, जिन पर पूर्व से ही चोरी, अवैध मादक पदार्थ तस्करी आदि के प्रकरण दर्ज हैं। इन आरोपियों की जमानत अर्जी दिनांक 09/04/2021 को देवसर स्थित न्यायालय श्री विकास विश्वकर्मा (जेएमएफसी) के यहाँ लगी थी, जिसे न्यायालय ने ख़ारिज कर दिया है। इस मामले में अभियोजन का पक्ष सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी कृष्ण प्रताप सिंह ने रखा।
न्यायालय: प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश देवसर, जिला-सिंगरौली म.प्र. (पीठासीन श्री ओम प्रकाश रजक)
म.प्र. राज्य
विरूद्ध
जियाराम बैगा
प्रकरण का विवरण
अभियोजन का प्रकरण संक्षिप्त में इस
प्रकार है कि दिनांक 26/01/2018 को 100 डायल हेल्पडेस्क भोपाल से प्राप्त सूचना
के आधार पर आरक्षी केन्द्र बरवां में लगी 100 डायल एफआरबी 07 में तैनात आरक्षक
क्रमांक 335 गणेश रावत ने ग्राम गिधेर से इस आश्य की सूचना आरक्षी केन्द्र
बरगवां को दी कि, आरोपी ने अपनी भौजाई को
जान से मार दिया है। आरक्षी केन्द्र बरगवां में प्राप्त सूचना को रोजनामचा सान्हा
क्रमांक 17 दिनांककित 26/01/2018 पर लेख किया । उक्त सूचना लेख करने के उपरान्त
आरक्षी केन्द्र बरगवां में पदस्थ उप निरीक्षक यूपी सिंह बघेल, घटना स्थल के लिये रवाना हुये।
करीब
दो वर्ष पहले हो उसकी चचेरी बहन भगवन्ती के पति चोलाराम का देहान्त हो जाने पर
मृतिका भगवन्ती को उसके देवर आरोपी ने अपनी पत्नी के रूप में रख लिया था और उल्लेखित
तारीख को खबर मिली कि मारपीट से उसकी मृत्यु हो गई है; ऐसा भगवन्ती के चचेरे भाई जगधारी
बैगा ने विवरण बताया।
मामले में अभियोजन का संचालन श्री सतीश पाण्डेय सहायक जिला
लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा किया गया।
सिगरौली
(देवसर) । प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश देवसर जिला
सिंगरौली (म.प्र.) (पीठासीन अधिकारी ओमप्रकाश रजक) के न्यायालय के द्वारा आरक्षी
केन्द्र चितरंगी अपराध क्र.- 252/2018 अन्तर्गत धारा 302 भा.दं.सं. के अन्तर्गत आरोपी गणेश उर्फ छोटका बैगा
पिता सोनशाह बैगा सोनी उम्र 29 वर्ष, निवासी-
टोला पहलवा, ग्राम मटिहिनी जिला सिंगरौली को
आजीवन कारावास एवं 1000/- रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
अभियोजन
का प्रकरण संक्षिप्त में इस प्रकार है कि घटना दिनांक 18/10/2018 को आरोपी का बडा
भाई सुदर्शन बैगा पूर्व टोला से समय दोपहर 1 बजे अपने घर वापस आया तो उसके घर आकर
उसके छोटे भाई आरोपी गणेश उर्फ छोटका ने बताया कि वह हल जोतकर अपने घर पहुंचा तो
उसकी पत्नी मृतिका ने खाना नहीं बनाया था तो इसी बात पर उसने मृतिका को लाठी से
मारपीट की जिससे उसकी मृत्यु हो गई है। आरोपी से उक्त जानकारी प्राप्त होने पर
उसका बडा भाई सुदर्शन बैगा आरोपी के घर गया जहां उसने देखा कि आरोपी की पत्नी मृत
अवस्था में पडी हुई थी और उसके चेहरे पर बायीं ओर चोट थी। उक्त घटना की जानकारी
आरक्षी केन्द्र चितरंगी में प्राप्त होने पर उप-निरीक्षक विनोद कुमार सिंह हमराह
स्टॉफ के साथ सूचना की तश्दीक हेतु घटना स्थल पर पहुंचे जहां सुदर्शन बैगा ने
विनोद कुमार सिंह को घटना के संबंध में देहाती नालसी एवं मर्ग इंटिमेशन लेख करायी
थी।
प्रकरण
में अन्वेषण समाप्त कर पुलिस द्वारा अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया । अभियोजन
की ओर सेमामले का संचालन करते हुये सहायक
जिला अभियोजन अधिकारी सूर्य प्रसाद पाण्डेय ने मामले को संदेह से परे प्रमाणित किया ।
सिगरौली
(देवसर) । न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी प्रेमदीप
सांकला देवसर जिला सिंगरौली के न्यायालय ने अपराध क्र.- 147/2013
थाना जियावन के अन्तर्गत धारा 304ए भा.दं.सं. के अन्तर्गत आरोपी विनय कुमार सोनी पिता रामजी सोनी उम्र 39
वर्ष, निवासी- ग्राम सरई,
थाना सरई, को 2 वर्ष का
सश्रम कारावास तथा 1000/- रूपये के ज़ुर्माने से दण्डित किया
गया।
अभियोजन
का प्रकरण संक्षिप्त में इस प्रकार है कि घटना दिनांक को छोटू यादव अपने घर ग्राम
जोगिनी से टिफिन लेकर बड़े भाई जगदीश यादव के पास जा रहा था, तभी बैढन तरफ से बस क्रमांक डब्ल्यू बी 37 बी
6261का चालक बस को तेज रफ्तार एवं लापरवाही पूर्वक चलाते हुये लाया
और छोटू यादव को टक्कर मार दी, जिससे छोटू यादव की घटनास्थल
पर ही मृत्यु हो गई। तत्पश्चात घटना की रिपोर्ट सूचनाकर्ता द्वारा थाने पर की
गई, जिस पर प्रकरण पुलिस द्वारा अन्वेषण में लिया गया,
साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये एवं घटनास्थल का नक्शा मौका
बनाया गया। मृतक का शव परीक्षण करवाया गया। प्रकरण में वाहन मय दस्तावेज जप्त कर
जप्ती पंचनामा तैयार किया गया। प्रकरण में अन्वेषण समाप्त कर गिरफ्तारी कर
गिरफ्तारी पंचनामा बनाया गया।
प्रकरण
में अन्वेषण समाप्त कर पुलिस द्वारा अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया, जिसका न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया गया। मामले का संचालन करते हुये
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कृष्ण प्रताप सिंह ने मामले को प्रमाणित किया तब न्यायालय
ने आरोपी को दंडित किया।
प्रकरण का मामला यह है कि
दिनांक 10.08.2016 को दिन 08:30 बजे ग्राम बैलहवा थाना चितरंगी, जिला सिंगरौली में
फरियादी रामआसरे को वांछित दिशा में जाने से निवारित कर सदोष अवरोध कारित किया एवं
विधि विरूद्ध जमाव का सदस्य होते हुये ऐसे जमाव के सामान्य उद्देश्य के अग्रशरण
में फरियादी रामआसरे के साथ मारपीट कर अस्थिभंग कारित कर स्वेछया उपहति कारित की
एवं फरियादी बिहारीलाल के साथ मारपीट कर अस्थिभंग कारित कर स्वेच्छया घोर उपहति
कारित की।
अभियोजन का प्रकरण संक्षिप्त में इस प्रकार है कि घटना दिनांक को
फरियादी ग्राम पोड़ी से ४०७ पीकअप में बालू लोड कर नवनिर्मित स्कूल ग्राम बेलहवां
में गिराने जा रहा था, फरियादी जैसे ही ग्राम
बेलहवां स्कूल के पास पहुंचा कि आरोपीगण ने फरियादी की गाड़ी को रूकवा दिया और
उसके साथ मारपीट करने लगे, तब फरियादी उनसे बचकर भागा तो फरियादी की जेब में रखे 3000/- रू. व मोबाईल कहीं गिर गया तब फरियादी के द्वारा किसी अन्य के मोबाईल से अपने
मालिक बिहारीलाल जायसवाल को फोन किया गया। मालिक के घटनास्थल पर पहुंचने पर आरोपियों
ने उसके साथ भी मारपीट किया जिससे फरियादी को पीठ एवं मालिक को हाथ की गदौली तथा
कनपटी पर चोट आई थी।
मामले में अभियोजन का
संचालन श्री कृष्ण प्रताप सिंह सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा किया गया।
अभियोजन का प्रकरण संक्षिप्त में इस
प्रकार है कि घटना दिनांक को हिंडालको पॉवर प्लांट बरगवां के लिये लोहे की पानी
की पाईप लाईन डाली जा रही थी और इसी कार्य के लिये देवरी ग्राम में एक मीटर व्यास, 12 मीटर लम्बा, 25 नम्बर पाईप लाईन रखा गया था जो
कि लोहे की चादर से बना हुआ था। जिसे कुछ अज्ञात लोग रात में गैस कटिंग करके
चुराकर ले गये जिसका लिखित आवेदन थाना प्रभारी को दिया गया, जिस पर पुलिस थाना बरगवां द्वारा
घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई एवं प्रकरण पुलिस द्वारा अन्वेषण में
लिया गया, साक्षियों के कथन
लेखबद्ध किये गये एवं घटनास्थल का नक्शा मौका बनाया गया। प्रकरण में आरोपी की
गिरफ्तारी कर गिरफ्तारी पंचनामा बनाया गया। आरोपी से पूछताछकर धारा 27 साक्ष्य
अधिनियम का मेमोरेन्डम तैयार किया गया। आरोपी से उक्त लोहे का पाईप जप्त कर जप्ती
पंचनामा बनाया गया। प्रकरण में अन्वेषण समाप्त कर पुलिस द्वारा अभियोग पत्र न्यायालय
में पेश किया गया जिसका न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया गया।
मामले में अभियोजन का संचालन श्री कृष्ण प्रताप सिंह सहायक
जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा किया गया।