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Saturday, March 6, 2021

थाना जियावन के अपराध क्रमांक- pqr/20 अन्‍तर्गत धारा- 188 भा.दं.वि. के प्रकरण में स्‍क्रूटनी के संबंध में।

 


   कार्यालय सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, देवसर, जिला- सिंगरौली (म.प्र)

क्र./एडीपीओ/देवसर/ 1xyz(स्‍क्रू.)/2021                           दिनांक- ------

 

प्रति, 

      थाना प्रभारी

      थाना- जियावन

      जिला- सिंगरौली (म.प्र.)

विषय- थाना जियावन के अपराध क्रमांक- pqr/20 अन्‍तर्गत धारा- 188 भा.दं.वि. के प्रकरण में स्‍क्रूटनी के संबंध में।

---०---

            उपरोक्‍त विषयान्‍तर्गत लेख है कि थाना जियावन के अपराध क्रमांक- pqr/20 अन्‍तर्गत धारा- 188 भा.दं.वि. के चालान का अवलोकन पर पाया गया कि आरोपी Abhishek Kumar Tripathi साकिन ग्राम Deosar के द्वारा कोविड-19 के दौरान ग्राम Karthua में घोषित  कंटेनमेंट एरिया में अवैध रूप से दुकान खोलकर सीमेन्‍ट - सरिया की विक्री की जा रही थी। आरोपी के इस उपेक्षापूर्ण कार्य से मामले में भारतीय दण्‍ड संहिता की धारा 188 के अतिरिक्‍त 269 भा.द.वि. का भी अपराध होना प्रतीत होता है।

      अत: मेरी राय में उक्‍त त्रुटियों को पूर्णकर चालान प्रस्‍तुत करना विधिसम्‍मत होगा।

 

                        सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी

थाना बरगवां के अपराध क्रमांक- A/20 अन्तकर्गत धारा- 5(बी)/13 औषधि नियंत्रण अधिनियम 1950 के प्रकरण में स्क्रू टनी के संबंध में।

कार्यालय सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, देवसर, जिला- सिंगरौली (म.प्र) 

क्र./एडीपीओ/देवसर/    (स्क्रू .)/2020 दिनांक- DD/MM/2020

प्रति, 

        थाना प्रभारी,

        थाना- बरगवॉं

        जिला- सिंगरौली (म.प्र.) 

विषय- थाना बरगवां के अपराध क्रमांक- A/20 अन्त र्गत धारा- 5(बी)/13 औषधि नियंत्रण अधिनियम 1950 के प्रकरण में स्क्रू टनी के संबंध में।

---०---

उपरोक्त  विषयान्तॉर्गत लेख है कि थाना बरगवां के अपराध क्रमांक- A/20 अन्तरर्गत धारा- 5(बी)/13 औषधि नियंत्रण अधिनियम 1950 के चालान का अवलोकन करने पर निम्न्लिखित त्रुटियॉं पायी गयी हैं- 

  1. यह कि अभियुक्त्गण Abhishek Kumar Tripathi, Digital Soft Hub के कब्जे‍ से कागज के 3 कार्टून में कुल 360 नग शीशी में  Wings RX chlorpheniramine maleate codeine phosphate SYRUP प्रत्ये्क 100 ml पायी गयी है तथा मामले में धारा- 5(बी)/13 औषधि नियंत्रण अधिनियम 1950 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गयी है। जबकि उक्तU कोडीन सीरफ का अवैध कब्जाे और परिवहन आदि ‘नार्कोटिक ड्रग्स  एण्डक साइकोट्रॉपिक सब्सटान्सेयस एक्टव 1985’ की विषयवस्तुक होने के कारण गम्भीीर अपराध की श्रेणी में आता है। अत: मेरी राय में मामले में ‘नार्कोटिक ड्रग्सो एण्ड् साइकोट्रॉपिक सब्सरटान्सेनस एक्ट: 1985’ की समुचित धाराओं के तहत कार्यवाही करना उचित एवं विधिसम्मोत है।
  2. यह कि अभियुक्त ने इतनी ज्याैदा मात्रा में कोडीन सीरफ कहॉं से और किस व्यगक्ति / कम्प.नी / मेडिकल स्टोवर से प्राप्त  की है और उसके एवज में भुगतान किस माध्य‍म से हुआ है, इस संबंध में भी विवेचना नहीं की गयी है।
  3. यह कि रोजनामचा सान्हा  क्रमांक- 1637, दिनांक 10/02/2020 में लेख है कि पुलिस अधि./कर्म. गवाहान द्वारा संदेहियों को अपनी तलाशी दी गयी, किन्तु  इसके संबंध में पुलिस अधि./कर्म. गवाहान की तलाशी, पंचनामा प्रकरण में संलग्नि नहीं है।
  4. यह कि मौके से ही अभियुक्तीगण Abhishek Kumar Tripathi, Digital Soft Hub के कब्जे‍ से 3 कार्टून में कुल 360 नग शीशी में  Wings RX chlorpheniramine maleate codeine phosphate SYRUP जप्त  कर जप्ती  की कार्यवाही की गयी है, किन्तुव जप्तीप पत्रक पर नमूना सील अंकित नहीं किया गया है।
अत: मेरी राय में उक्त  त्रुटियों को पूर्णकर चालान प्रस्तु‍त करना विधिसम्म्त होगा।

सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी

Saturday, January 23, 2021

पुलिस द्वारा प्रस्‍तुत चालान के अभियोजन द्वारा स्‍क्रटनी संबंधित पत्र का प्रारूप

  प्रस्‍तुत प्रारूप में अपराध क्रमांक व प्रकरण क्रमांक बदल दिया गया है, ताकि अभियुक्‍त / अपराधी जो कि निर्दोष भी हो सकता है; की गरिमा को ध्‍यान में रखते हुए अभियुक्‍त की जगह लेखक (मेरा नाम अभिषेक कुमार त्रिपाठी) प्रयुक्‍त किया जा रहा है। तथा पीडि़त का नाम भी बदल दिया गया है। यह अभियोजन के कार्य एवं पुलिस की सहायता में किस तरह अभियोजन मदद करता है, उसका एक उदाहरण है। लेखक कार्यालय सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, जिला सिंगरौली मध्‍यप्रदेश में लिपिक के पद पर 27 जून, 2020 से कार्यरत है।


स्‍क्रूटनी का आवेदन तब प्रस्‍तुत किया जाता है जब कि पुलिस द्वारा प्रस्‍तुत चालान में कोई त्रुटि होती है एवं अभियोजन सलाह देता है कि आप उस त्रुटि को सुधार करें। क्‍योंकि न्‍यायालय में अभियोजन अधिकारी ही पैरवी करते हैं, इसलिए उन्‍हे पाता होता है कि पीडि़त को न्‍याय दिलाने के लिए किन -किन दस्‍तावेजों की आवश्‍यकता होती है। अभियोजन विभाग पुलिस के ही अन्‍तर्गत एक विभाग है, जो कि पुलिस के सलाहकार होते हैं। पीडि़त की तरफ से अभियोजन की ओर से न्‍यायालय को इस प्रकार का आवेदन प्रस्‍तुत किया जाना है। 



  कार्यालय सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारीदेवसरजिला- सिंगरौली (म.प्र.)

क्र./एडीपीओ/देवसर/    (स्‍क्रू.)/2020                      दिनांक- 19/10/2020

 

प्रति, 

      थाना प्रभारी

      थाना- बरगवां

      जिला- सिंगरौली (म.प्र.)

विषय- थाना बरगवां के अपराध क्रमांक- अबस/20 अन्‍तर्गत धारा- 5(बी)/13 औषधि नियंत्रण अधिनियम 1950 के प्रकरण में स्‍क्रूटनी के संबंध में।

---०---

      उपरोक्‍त विषयान्‍तर्गत लेख है कि थाना बरगवां के अपराध क्रमांक- अबस/20 अन्‍तर्गत धारा- 5(बी)/13 औषधि नियंत्रण अधिनियम 1950 के चालान का अवलोकन करने पर निम्‍नलिखित त्रुटियॉं पायी गयी हैं-

1.       आरोपी अभिषेक कुमार त्रिपाठी उर्फ अभि के कब्‍जे से खाकी रंग के कागज के कार्टून में 60 नग प्‍लास्टिक की शीशी में chlorpheniramine maleate codeine phosphate SYRUP Onerex प्रत्‍येक 100 ml कीमत 7,200/- रू पायी गयी है तथा मामले में धारा- 5(बी)/13 औषधि नियंत्रण अधिनियम 1950 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गयी है। जबकि उक्‍त कोडीन सीरफ का अवैध कब्‍जा और परिवहन आदि नार्कोटिक ड्रग्‍स एण्‍ड साइकोट्रॉपिक सब्‍सटान्‍सेस एक्‍ट 1985 की विषयवस्‍तु होने के कारण गम्‍भीर अपराध की श्रेणी में आता है। अत: मेरी राय में मामले में नार्कोटिक ड्रग्‍स एण्‍ड साइकोट्रॉपिक सब्‍सटान्‍सेस एक्‍ट 1985की समुचित धाराओं के तहत कार्यवाही करना उचित एवं विधिसम्‍मत है।

2.       यह कि अभियुक्‍त ने इतनी ज्‍यादा मात्रा में कोडीन सीरफ कहॉं से और किस व्‍यक्ति / कम्‍पनी / मेडिकल स्‍टोर से प्राप्‍त की है और उसके एवज में भुगतान किस माध्‍यम से हुआ है, इस संबंध में भी विवेचना नहीं की गयी है।

3.       यह कि तलाशी पंचनामा पुलिस अधि./कर्म./ एवं गवाहान के अनुसार चार पुलिस अधि./कर्म. द्वारा संदेही को अपनी तलाशी दी गयी है, किन्‍तु उक्‍त पंचनामा में तलाशी देने वाले केवल दो पुलिस अधि./कर्म. के द्वारा हस्‍ताक्षर किये गये हैं एवं अन्‍य दो के हस्‍ताक्षर का लोप है।

4.       यह कि मौके से ही अभियुक्‍त अभिषेक कुमार त्रिपाठी के कब्‍जे से 60 नग chlorpheniramine maleate codeine phosphate SYRUP Onerex प्रत्‍येक 100 ml जप्‍त कर जप्‍ती की कार्यवाही की गयी है, किन्‍तु जप्‍ती पत्रक पर नमूना सील अंकित नहीं किया गया है।

 अत: मेरी राय में उक्‍त त्रुटियों को पूर्णकर चालान प्रस्‍तुत करना विधिसम्‍मत होगा।

                    सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी



यदि आपके मन में कोई अन्‍य प्रश्‍न है या अभियोजन की सहायता लेना चाहते हैं तो आप हमसे सम्‍पर्क कर सकते हैं। आपके मन में किसी प्रकार की कोई शंका है या आपके साथ कोई अपराध कारित किया जा रहा है या हो चुका है और आपको लगता है कि आपके साथ कोई नहीं है, तो यकीन करिए अभियोजन पीडि़त अर्थात् आपका सगा है। यही है जो आपराधिक गतिविधियों को रोकने हेतु सरकार का मज़बूत पक्ष न्‍यायालय में रखता है। मध्‍यप्रदेश में गवाह सहायता केन्‍द्र अभियोजन में सत्र 2020 में शुरू की गई जोकि देश में प्रथम बार ऐसा किया गया, उसमें मध्‍यप्रदेश के 51 जिलों के अभियोजन कर्मचारी इन्‍दौर में प्रारम्‍भ विमोचन में उपस्थत हुए, जिनमें से लेखक स्‍वयं जिला सिंगरौली मध्‍यप्रदेश की ओर से शिरकत किए।