eDiplomaMCU: लिपिक कर्मचारियों के साथ धोखे की नीति है अनुचित : वेतन विसंगति दूर कराने की मॉंग है जायज

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Thursday, August 25, 2022

लिपिक कर्मचारियों के साथ धोखे की नीति है अनुचित : वेतन विसंगति दूर कराने की मॉंग है जायज

 जब छत्‍तीगढ़ मध्‍यप्रदेश से अगल होकर अलग राज्‍य नहीं बना था, तब से अविभाजित मध्‍यप्रदेश के लिपिकों के साथ एक अन्‍याय किया गया। यह अन्‍याय वेतन विसंगति का था। लिपिक कर्मचारी को 1980 जमाने में आज के लगभग 3600 ग्रेड पे पाने वाले पदों के समान था, परन्‍तु लिपिकों से कम वेतन पाने वालों को विभिन्‍न वेतन आयोगों एवं विभिन्‍न आदेश के तहत लिपिक संवर्ग से उच्‍चतर वेतन पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया। छत्‍तीसगढ़ अलग राज्‍य बना सन् 2022 में, साथ में लिपिकों को एक ईनाम मिला लिपिक वेतन विसंगति का। तब से लेकर आज तक दोनों राज्‍यों के लिपिक वर्गीय कर्मचारी लिपिक वेतन विसंगति दूर कराने के लिए संघर्ष की राह पर हैं।

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लिपिक वेतन विसंगति : एक गम्‍भीर समस्‍या  

पुरानी बातें तो मैंने कई लेखों में लिख दी हैं, लेकिन आज इस लेख में पुरानी बातों को दरकिनार करते हुए आज के हालात के बारे में बात करूँगा। मध्‍यप्रदेश और छत्‍तीसगढ़ दोनों राज्‍यों में विधानसभा चुनाव लगभग एक ही समय पर होता है, दोनों राज्‍यों में पिछला विधानसभा चुनाव सन् 2018 में सम्‍पन्‍न कराया गया था। अगला चुनाव सन् 2023 में है। इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए मध्‍यप्रदेश के लिपिक वर्गीय कर्मचारी एवं छत्‍तीसगढ़ के लिपिक वर्गीय कर्मचारी अपनी मॉंगों को पूरा कराने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले मध्‍यप्रदेश की सरकार ने अपने गैर लिपिकीय कर्मचारियों को खूब तोहफ़े दिये, सबका वेतन बढ़ा दिया जबकि बहुत से पद तो ऐसे रहे हैं जिनका विभिन्‍न वेतन आयोग के साथ ही आये दिन वेतन आवर्ती आधार पर बढ़ाया गया है।   

छत्‍तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारी केन्‍द्र के समान महंगाई भत्‍ता और आवास भत्‍ता की मॉंग के लिए 22 अगस्‍त 2022 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। इस साझा मॉंग के अलावा अन्‍य संवर्गों के भी अपने मॉंग रहे हैं, जिन्‍होंने साथ में अपनी मॉंग को पूरा कराने के लिए छत्‍तीगढ़ अनिश्चितकालीन हड़ताल को समर्थन दिया था। लिपिक संवर्ग ने 21 अगस्‍त 2021 को ही माननीय मुख्‍यमंत्री श्री भूपेश बाघेल जी से लिपिक वेतन विसंगति के बारे में चर्चा की, तो माननीय जी ने कहा कि लिपिकों की मॉंग जायज है और वेतन विसंगति जल्‍द दूर कर दी जाएगी और भविष्‍य में लिपिकों को संवाद का रास्‍ता अपनाना चाहिए न कि आन्‍दोलन का। इसी बात को आभार स्‍वरूप लेते हुए लिपिक नेता ने आन्‍दोलन से समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया। अगले दो दिन तक लिपिक अमला हड़ताल से बाहर रहा। परन्‍तु जैसे ही लिपिक संघ ने छत्‍तीसगढ़ के संबंधित सचिव व अधिकारी से बात किया तो उन्‍होंने कहा कि लिपिक वेतन विसंगति दूर कराना सम्‍भव नहीं है।

लिपिकों के साथ हुए इस छल को ध्‍यान में रखते हुए छत्‍तीसगढ़ के लिपिक कर्मचारियों ने पुन: अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने का फैसला ले लिया। 24 अगस्‍त 2022 को छत्‍तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी मोर्चा तले इस आन्‍दोलन में शामिल होने का फैसला लिया। आधिकारिक रूप से आज दिनांक 25 अगस्‍त 2022 से छत्‍तीसगढ़ के लिपिकीय कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। पूर्व में लिपिक नेता द्वारा आन्‍दोलन से बाहर होने के फैसले से अधिकतर लिपिक नाराज़ थे क्‍योंकि उनके इस धोखे की आशंका थी और आखिरकार हुआ भी ऐसा।

मध्‍यप्रदेश में भी पिछले विधानसभा चुनाव से पहले लिपिकीय कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कराने का आश्‍वासन सरकार से मिला था, परन्‍तु मध्‍यप्रदेश के लिपिकों के साथ भी कुछ इसी तरह का हुआ था। रमेशचन्‍द्र शर्मा कमेटी बनी, रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई लेकिन लिपिकों के साथ छल हुआ। आज वास्‍तव में लिपिक संवर्ग का ग्रेड पे कम से कम 2800/- होना चाहिए, परन्‍तु मध्‍यप्रदेश के लिपिक 2400/- ग्रेड पे की मॉंग कर रहे हैं। मध्‍यप्रदेश के लिपिक भी छत्‍तीसगढ़ के लिपिकों की तरह सरकार से अपनी वेतन विसंगति दूर कराने के लिए गुहार लगा रहे हैं। दोनों राज्‍यों के लिपिकों में आशा की एक उम्‍मीद है की सरकार बहुत जल्‍द वेतन विसंगति दूर करके लिपिकों को दासता से आज़ादी देगी। 



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