eDiplomaMCU: मध्‍यप्रदेश लिपिक वेतन विसंगति दूर होने आसार जल्‍द, लिपिक वेतन विसंगति बना सबसे बड़ा मुद्दा

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Wednesday, August 24, 2022

मध्‍यप्रदेश लिपिक वेतन विसंगति दूर होने आसार जल्‍द, लिपिक वेतन विसंगति बना सबसे बड़ा मुद्दा

मध्‍यप्रदेश में लिपिक वर्गीय कर्मचारी वेतन विसंगति दूर कराने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। अब लिपिक कर्मचारियों के इंतजार का वक्‍त जल्‍द ही खत्‍म हो सकता है। एक तरफ तो मध्‍यप्रदेश के लिपिक वर्गीय कर्मचारी अपनी मॉंगों को मनवाने के लिए आन्‍दोलन की भी रूपरेखा तैयार करने में लगे हैं, तो दूसरी तरफ सरकार के पास कोई ऐसा मुद्दा बचा ही नहीं है कि लिपिक वर्ग कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर न करे। असलियत तो यह है कि सरकार ने हमेशा चाहा है कि लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति दूर कर दी जाये, इसी वजह से पिछले लगभग 40 वर्षों में सरकार ने अब तक 9 कमेटियॉं लिपिक वेतन विसंगति के सम्‍बंध में गठित कर चुकी हैं, और कुछ कमेटियों की रिपोर्ट साकार नहीं हुईं तो कुछ ने ज़बरदस्‍त तरीके से लिपिक हित की बात करी। आखिरी में तात्‍कालिक माननीय मुख्‍यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के घोषणा उपरांत सन् 2016 में रमेशचन्‍द्र शर्मा कमेटी बनी थी और इसकी रिपोर्ट भी सरकार को प्राप्‍त हो गई है। रमेशचन्‍द्र शर्मा कमेटी के अनुसार निम्‍न श्रेणी लिपिक को मूल प्रारम्भिक वेतन 2400/- ग्रेड पे का होना चाहिए।

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लिपिक वेतन विसंगति हेतु बैठक

वास्‍तव में माह जून 2018 को सरकार ने बहुतायत गैर लिपिकीय संवर्ग की कोई भी वेतन विसंगति न होने के बावजूद उनको आर्थिक लाभ देने के लिए ग्रेड पे बढ़ाया, परन्‍तु लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वर्षों पुरानी वेतन विसंगति होने के बाद भी सिर्फ एक और समिति रमेशचन्‍द्र शर्मा जी की अध्‍यक्षता में गठित कर दी और रिपोर्ट आने के बाद भी लिपिकों की वेतन विसंगति दूर नहीं की। 

विधानसभा चुनाव उपरांत कांग्रेस की सरकार ने भी लिपिक वेतन विंसगति को चुनावी मेनिफेस्‍टो में शामिल किया था, परन्‍तु कांग्रेस की सरकार ने भी लिपिक वेतन विसंगति पर ध्‍यान नहीं दिया। अब अगले वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए मध्‍यप्रदेश के लिपिक वर्गीय कर्मचारी एकजुट होकर वेतन विसंगति दूर कराने के मुहिम को आगे बढ़ा दिये हैं।

28 अगस्‍त 2022 को भोपाल में पहली बैठक - मध्‍यप्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ भोपाल (मध्‍यप्रदेश राज्‍य का समस्‍त लिपिकीय अमला), म.प्र. शासन द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त ने 28/08/2022 को दोपहर 12:00 बजे लघु वेतन कर्मचारी भवन, गीतांजली चौराहा (माता मंदिर के पास) भोपाल में महत्‍वपूर्ण बैठक का आयोजन किया है। इस बैठक में लिपिक के विभिन्‍न मॉंगों के बारे में एवं प्रमुख मॉंग लिपिक वेतन विसंगति दूर कराने के लिए आगे की रणनीति की चर्चा की जाएगी। इसी बैठक से यह तय होगा कि मध्‍यप्रदेश के लिपिक कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने के लिए अगला कदम क्‍या रखा जाए। इसी बैठक में मध्‍यप्रदेश के प्रांतीय नेतृत्‍व का चयन कर लिया जाएगा, क्‍योंकि मध्‍यप्रदेश में लिपिक का प्रदेश स्‍तर पर कौन नेतृत्‍व कर रहा है यही बता पाना मुश्किल हो रहा है जिस वजह से लिपिक की वर्षों पुरानी वेतन विसंगति का मामला दबा सा रहा है। 

भोपाल में आयोजित इस बैठक को इस अंजाम तक पहुँचाने में लिपिक हितैषी माननीय श्री मुकेश चतुर्वेदी जी का अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण योगदान है, साथ ही श्री सूरज शर्मा जी ने लिपिक हित को ध्‍यान में रखते हुए कुटुंब एप्‍लीकेशन पर सभी को जोड़ने का काम किया। प्रदेशभर के लिपिक कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कराने के लिए सभी लिपिकों को एक मंच पर लाना आवश्‍यक हो गया था, आज की परिस्थिति में मध्‍यप्रदेश के प्रत्‍येक लिपिक को कुटुम्‍ब एप्‍प के माध्‍यम से एक नई विचारधारा से परिचित कराया जा चुका है, इस पवित्र काम को सही अंजाम तक पहुँचाने में श्री मुकेश चतुर्वेदी जी का अमूल्‍य योगदान रहा है।

छत्‍तीसगढ़ लिपिक वेतन विसंगति हो चुकी है दूर - 22/08/2022 को छत्‍तीसगढ़ अनिश्‍चितकालीन हड़ताल में छत्‍तीसगढ़ के लिपिक वर्गीय कर्मचारी भी शरीक होने वाले थे, परन्‍तु एक दिन पहले ही लिपिकीय नेतृत्‍व अमला अपनी मॉंग और वर्षों पुरानी वेतन विसंगति से माननीय मुख्‍यमंत्री श्री भूपेश बाघेल जी को अवगत कराया तो मुख्‍यमंत्री जी ने लिपिक वेतन विसंगति जल्‍द दूर कराने का पक्‍का वायदा कर दिया और कहा की जल्‍द ही इस पर कार्यवाही भी कर दी जाएगी। आभार स्‍वरूप छत्‍तीसगढ़ के लिपिकीय अमले ने वेतन विंसगति दूर होने के इस अनमोल आश्‍वासन के प्रत्‍युत्‍तर में आभार स्‍वरूप महंगाई भत्‍ता व अन्‍य मॉंगों के लिए होने वाले अनिश्चितकालीन हड़ताल से स्‍वयं को अलग कर लिया। बहुत जल्‍द छत्‍तीसगढ़ के लिपिकों को प्रारम्भिक वेतन 2400/- ग्रेड पे पर मिलेगा। दूसरी तरफ छत्‍तीसगढ़ के लिपिकों को कम्‍प्‍यूटर भत्‍ता भी मिलता है।

म.प्र. सरकार आन्‍दोलन नहीं चाहेगी किसी भी कर्मचारी आन्‍दोलन से सरकार को सदैव नुकसान ही हुआ है। लिपिक वर्गीय कर्मचारियों ने वर्षों से कई बार आन्‍दोलन किया है, इसी बात को ध्‍यानगत रखते सरकार ने कई कमेटियॉं भी गठित की थी। रमेशचन्‍द्र शर्मा कमेटी को ही आधार मानकर सरकार जल्‍द ही लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति दूर करने का आदेश दे सकती है। दूसरी तरफ मध्‍यप्रदेश के लिपिक नेतृत्‍व माननीय रमेशचन्‍द्र शर्मा जी से व्‍यक्तिगत बैठक पर भी चर्चा कर रहे हैं जिसका एक सुखद परिणाम देखने को मिल सकता है। लिपिक कर्मचारियों के जल्‍दी उठाये जा रहे इस कदम से सरकार की मंशा का पता भी जल्‍द ही लग जाएगा, जिससे लिपिक आगे की रणनीति के हिसाब से अपनी मॉंगों को पूरा कराने के लिए उचित कदम उठा सकेंगे।

दूसरी तरफ लिपिक संवर्ग के समान या कम वेतन पाने वाले अधिकतर पदों को आये दिन विभिन्‍न वेतन आयोग में लिपिक से कहीं अच्‍छे पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया है। लिपिक वर्गीय अमले को कम से कम 2800/- ग्रेड पे मिलना न्‍यायसंगत है। परन्‍तु लिपिक के साथ हमेशा उपेक्षा ही हुआ है।

वीडियो देखें - म.प्र. लिपिक वेतन विसंगति दूर कराने 28/08/2022 को माता मंदिर, भोपाल पहुँचे लिपिक साथी


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