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Saturday, November 26, 2022

क्‍या एनपीएस निवेश से मिल रहे 1.5 लाख की छूट की वजह से पीएफआरडीए का राज्‍य सरकारों को फण्‍ड न लौटाना सही है?

विभिन्‍न राज्‍य सरकारों के द्वारा कर्मचारियों की मॉंग एवं हितों को ध्‍यान में रखते हुए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जा रही है। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों के अंतिम वेतन का लगभग 50 प्रतिशत और साथ में कुछ भत्‍ते जैसे महँगाई भत्‍ता आदि मिलता है। इस प्रकार से कर्मचारियों को एक आश्‍वासन होता है कि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी एक सम्‍मानजनक जिन्‍दगी जी सकता है। पुरानी पेंशन योजना किसी फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट की तरह है जिसमें कर्मचारियों को बाज़ार के हिसाब से भले ही कम लाभांश मिले परन्‍तु उसे पता होता है कि उसे कितना लाभांश मिलने वाला है। राज्‍य सरकारों के द्वारा कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाली के बाद रिटायरमेंट के वक्‍त एनपीएस में कट रहे वेतन के कर्मचारियों वाला हिस्‍सा जीपीएफ के रूप में लौटाना होगा। चूँकि कर्मचारियों की संख्‍या और रिटायरमेंट के अनुपात को देखा जाए तो राज्‍य सरकारों की वित्‍तीय स्थिति कुछ ठीक नहीं होगी यदि जीपीएफ का पैसा राज्‍य सरकारें अपने खज़ानों से दें, इसीलिए एनपीएस फण्‍ड में जमा राज्‍य सरकार व राज्‍य सरकारी कर्मचारियों का पैसा वापस मिलना ज़रूरी हो जाता है। 

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एनपीएस टैक्‍स छूट : ओपीएस पर आफ़त

 हाल ही में पंजाब की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाली को आधिकारिक रूप प्रदान कर दिया है, जैसे ही पंजाब की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाली की अधिसूचना ज़ारी कर दी, पंजाब सरकार के कर्मचारियों में भविष्‍य के प्रति काफी उत्‍साह उमड़ आई है। रिटायरमेंट के बाद राज्‍य सरकारें अपने कर्मचारियों को कई तरह के आर्थिक मदद प्रदान किया करती हैं। परन्‍तु एनपीएस में जो हिस्‍सा कर्मचारियों के वेतन से काटा गया एवं साथ ही जो हिस्‍सा राज्‍य सरकारों द्वारा मिलाया गया, वही वापस पाने में राज्‍य सरकारों को पीएफआरडीए (एनपीएस फण्‍ड को रेग्‍यूलेट करती है) से गुहार लगानी पड़ रही है। कई मौकों पर पीएफआरडीए ने राज्‍य सरकारों को उनका एनपीएस में जमा फण्‍ड देने से इंकार कर दिया है लेकिन हर बार कोई ठोस वजह का हवाला नहीं दिया गया। अभी हाल ही में राजस्‍थान एवं पंजाब की सरकारों ने पीएफआरडीए को पुन: एक आवेदन लिखा की राज्‍य सरकारों द्वारा पीएफआरडीए के पास जमा एनपीएस का फण्‍ड यह नियामक संस्‍था लौटा दे, परन्‍तु पीएफआरडीए ने एक नए तर्क के साथ इस मॉंग को फिर से ख़ारिज कर दिया है। 

एनपीएस से मिले टैक्‍स छूट की वजह से नहीं लौटेगा राज्‍य सरकारों को एनपीएस फण्‍ड - कर्मचारियों के मूल वेतन से जो 10 प्रतिशत की कटौती एनपीएस फण्‍ड के लिए होती है, उस वेतन को टैक्‍स छूट के रूप में जाना जाता है जब तक कि वह कटौती सालाना 1.5 लाख तक न हो। आसान शब्‍दों में किसी भी कर्मचारी को एनपीएस में निवेश पर 1.5 लाख तक की आय टैक्‍स छूट मिलती है। पीएफआरडीए का कहना है कि चूँकि कर्मचारियों को एनपीएस में निवेश से जो टैक्‍स की छूट मिली है, इस वजह से पीएफआरडीए राज्‍य सरकारों को एनपीएस फण्‍ड नहीं लौटा सकता। विडम्‍बना वाली बात यह है कि कर्मचारियों के पास 1.5 लाख तक के आय टैक्‍स छूट हेतु अन्‍य कई सारे विकल्‍प (जैसे - पीपीएफ) मौजूह हैं। एनपीएस में जबरदस्‍ती कर्मचारियों को लाया गया, उनके वेतन से जबरदस्‍ती निवेश कराया जा रहा है, और जब उनके जमा हिस्‍से को वापस पाने की बारी आई तो टैक्‍स रिबेट का अज़ब-गज़ब तर्क पीएफआरडीए ने दे डाला। 

सामान्‍य भाषा में कहें तो सरकारी कर्मचारियों को शेयर मार्केट की जानकारी नगण्‍य होने के बावजूद उनके पैसे को शेयर मार्केट में लगाया जा रहा है। शेयर मार्केट के डूबने के साथ ही कर्मचारियों का भविष्‍य भी डूब जाता है। इसी डर के कारण सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना बहाली की मॉंग कर रहे हैं। शेयर मार्केट में तो निवेशक जब चाहें अपना पैसा वापस पा सकते हैं परन्‍तु एनपीएस रूपी निवेश नीति में तो स्‍वयं का पैसा वापस मिलने में भी कई तरह के पापड़ बेलने होते हैं। 

पुरानी पेंशन योजना बहाली देश के एक सबसे बड़ा संकट खड़ा करेगी : रिपोर्ट्स और एक्‍सपर्ट्स - हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ने एक रिपोर्ट में पुरानी पेंशन योजना बहाली को रेड-फ्लेग्‍ड किया है, वहीं एक्‍सपर्ट्स इसे राजनीतिक तुष्‍टीकरण का नाम देते हुए फ्री की रेवड़ी और देश के रूपये की बर्बादी करार दे रहे हैं। एक्‍सपर्ट्स का यह भी मानना है कि अब तक सरकार को कई विभागों में पुरानी पेंशन योजना देने की वजह से नुकसान का सामना करना पड़ा है और इसी कारण ने सरकारों को निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। पश्चिम बंगाल राज्‍य ने कभी भी एनपीएस को स्‍वीकार नहीं किया, वहॉं पहले से ही पुरानी पेंशन योजना बहाल थी, उसके बाद 2022 में ही क्रमश: राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़, झारखण्‍ड और पंजाब की सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है। दूसरी तरफ जहॉं-जहॉं विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वहॉं का सबसे बड़ा राजनैतिक मुद्दा पुरानी पेंशन योजना बहाली ही बनकर सामने आ रहा है, चाहे वह हिमाचल प्रदेश हो, गुजरात हो अथवा मध्‍यप्रदेश हो। 



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