मध्यप्रदेश के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के लिए अच्छी ख़बर है, वर्षों पुरानी लिपिक वेतन विसंगति का समाधान इस बार होने जा रहा है। वैसे तो लिपिकों के साथ वेतन विसंगति के 2 आयाम हैं, पहला 2400/- ग्रेड पे एवं दूसरा मंत्रालय के समान विभागाध्यक्षों में कार्यरत लिपिकों का समयमान वेतनमान। मध्यप्रदेश के लिपिक वर्गीय कर्मचारी कई वर्षों से लिपिक वेतन विसंगति दूर कराने के लिए प्रयासरत हैं, फलत: देर ही सही परन्तु अब परिणाम अच्छा है।
लिपिक वेतन विसंगति |
जून के पहले सप्ताह ही वित्त विभाग द्वारा कर्मचारी आयोग के नाम सहमति हेतु लिपिक वेतन विसंगति एवं मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान के लिए 2 पत्र लिखे गये थे। लिपिक पदाधिकारियों द्वारा जब कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष माननीय रमेशचन्द्र शर्मा जी से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि लिपिक वेतन विसंगति एवं मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान का समाधान इस बार कर दिया जायेगा। लिपिक वेतन विसंगति दूर करने पर तत्काल सहमति इस आधार पर भी हुई क्योंकि सन् 2016 में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले माननीय रमेशचन्द्र शर्मा जी की ही अध्यक्षता में लिपिक वेतन विसंगति दूर कराने के लिए एक कमेटी बनी थी जिसकी अनुशंसा थी कि मध्यप्रदेश के लिपिक कर्मचारियों का शुरूआती ग्रेड पे 2400/- होना चाहिए, अर्थात् शिक्षक वर्ग-3 के बराबर वेतन करने की अनुशंसा की गई परन्तु वेतन विसंगति अब तक दूर नहीं किया गया।
सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग द्वारा भेजे गये हाल के ही सहमति हेतु पत्र का जबाव कर्मचारी आयोग द्वारा जून माह के अंतिम सप्ताह दिया जाना है। माननीय रमेशचन्द्र शर्मा जी (अध्यक्ष म.प्र. कर्मचारी आयोग) 25 जून 2023 तक अवकाश पर हैं, जैसे ही अवकाश से वापस आयेंगे वित्त विभाग को लिपिक वेतन विसंगति दूर करने हेतु सहमति पत्र लिखेंगे। इस पत्र में लिपिकों का शुरूआती वेतनमान 2400/- ग्रेड पे पर फिक्स करने एवं समयमान वेतनमान मंत्रालय के समान करने पर सहमति व्यक्त की जाएगी। एक बार हम फिर बता दें कि सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि लिपिक पदाधिकारियों से इस सम्बंध में माननीय अध्यक्ष जी ने मौखिक सहमति पूर्व में ही दे दी है।
लिपिकों का ग्रेड पे वर्तमान ग्रेड पे 1900/- से 2400/- हो जाने पर मध्यप्रदेश के लिपिकों को शुरूआती ही कम से कम 8000/- रूपये का फायदा होगा। सीनियरिटी के आधार पर यह फायदा तक़रीबन 30000/- तक होगा। आपको हम बता दें कि लिपिक संवर्ग मध्यप्रदेश के समस्त विभागों के रीढ़ की हड्डी की तरह काम करता है, लिपिक आज सरकारी कार्यालयों का विभिन्न काम पूरी ईमानदारी एवं लगन से कर रहे हैं। लिपिकों की वेतन विसंगति दूर कराने हेतु इस बार पूरे मध्यप्रदेश का लिपिक एक सूत्र में बंध चुका है एवं बेसब्री से उक्त वक़्त का इंतज़ार कर रहा है जब लिपिकों की वेतन विसंगति दूर कराने का आदेश आधिकारिक तौर पर आ जाएगा।
No comments:
Post a Comment