eDiplomaMCU: लिपिकों की 6 संघो के साथ संयुक्‍त बैठक : रमेशचन्‍द्र शर्मा जी का बैठक में आश्‍वासन परन्‍तु वित्‍त विभाग के पत्र पर सहमति का जबाव नहीं

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Tuesday, July 18, 2023

लिपिकों की 6 संघो के साथ संयुक्‍त बैठक : रमेशचन्‍द्र शर्मा जी का बैठक में आश्‍वासन परन्‍तु वित्‍त विभाग के पत्र पर सहमति का जबाव नहीं

दोस्‍तों, लिपिक वेतन विसंगति मुद्दे को हमने अच्‍छे से जान लिया है कि किस प्रकार लगभग 30 वर्ष से भी अधिक हो गये लिपिकों के साथ आर्थिक शोषण को, कई बार लिपिक संघर्ष ने वेतन विसंगति दूर कराने के मुकाम को पाना भी चाहा परन्‍तु सरकार द्वारा बनाई गई कमेटियों ने लिपिकों के पक्ष में फैसला देने के बाद भी लिपिकों के साथ छलावा किया है। आज हम बात करेंगे 2016 में बनी अंतिम कमेटी - रमेशचन्‍द्र शर्मा की कमेटी जो लिपिकों के प्रारम्भिक वेतनमान को 2400/- ग्रेड पे करने की सिफारिश करता है। कमेटी की अनुसंशा समय पर आने के पश्‍चात भी लिपिकों का ग्रेड पे नहीं बढ़ाया गया, वर्षों बीत गये। तब 2018 का विधानसभा चुनाव था जब 51 से अधिक पदों का वेतनमान बढ़ा दिया गया, उनमें से कुछ ऐसे पद थे जिनका पूर्व में वेतनमान लिपिकों से कम था परन्‍तु उन्‍हें लिपिकों से अधिक लाकर खड़ा कर दिया गया। 

अब 2023 का विधानसभा चुनाव है, लिपिकों की वेतन विसंगति प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा है। मुझे याद है मई के पहले सप्‍ताह मध्‍यप्रदेश वित्‍त विभाग ने एक पत्र, कर्मचारी कल्‍याण आयोग जिसके वर्तमान अध्‍यक्ष माननीय रमेशचन्‍द्र शर्मा जी हैं, को लिपिकों का 2400/- ग्रेड पे एवं मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान हेतु सहमति पत्र के लिए लिखा था। परन्‍तु आज 2 महीने से भी अधिक हो गये कर्मचारी कल्‍याण आयोग द्वारा लिपिकों के हित के लिए उक्‍त सहमति पत्र नहीं भेजा गया है। एक तरफ तो आज भी मध्‍यप्रदेश के लिपिकों को आश्‍वासन मिल रहा है, परन्‍तु जिन्‍होंने कमेटी की अध्‍यक्षता की थी उन्‍होंने ही लिपिकों को दरकिनार कर दिया है, लिपिकों की वेतन विसंगति दूर कराने की सिफारिश माननीय रमेशचन्‍द्र शर्मा जी ने ही की थी परन्‍तु उन अनुशंसाओं को आज दिनांक तक लागू नहीं कराया गया।

हाल ही में मध्‍यप्रदेश के 6 बड़े कर्मचारी संघों की भोपाल में बैठक हुई जिसमें अतिथि के तौर पर माननीय रमेशचन्‍द्र शर्मा जी अध्‍यक्ष कर्मचारी कल्‍याण आयोग भी शामिल रहे। यह 6 बड़े संघ हैं - मध्‍यप्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, लघु वेतन कर्मचारी संघ, शासकीय वाहन चालक यांत्रिकी कर्मचारी संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, राजस्‍व कर्मचारी संघ एवं पेंशनर संघ। विडम्‍बना वाली बात यह है कि लिपिक संवर्ग मध्‍यप्रदेश के प्रत्‍येक विभाग के रीढ़ की हड्डी कहा जाता है परन्‍तु स्‍वयं लिपिक संघ आज विकलांग हो गया है, लिपिक संघ असहाय समझ आ रहा है। आज लिपिक संघ को वैशाखी के रूप में अन्‍य संवर्गों की ज़रूरत आन पड़ी है। लिपिक संवर्ग एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति 2400/- ग्रेड पे करवा पाने में असमर्थ समझ आ रहा है, स्‍वयं लिपिक संगर्व इस एक सूत्रीय मांग के प्रति उदासीन समझ आता है, ऐतिहासिक रूप में भी हमने देखा है कि मध्‍यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्‍त मोर्चा ने लिपिकों के एकसूत्रीय मांग 2400/- ग्रेड पे लिपिक वेतन विसंगति को अपने ज्ञापन में कभी स्‍थान नहीं दिया, परन्‍तु लिपिक संघ ने संयुक्‍त मोर्चा से इस बात का प्रश्‍न तक नहीं पूंछा। पटवारी जिनका ग्रेड पे कुछ वर्षों तक लिपिकों से कम था, आज लिपिकों से अधिक है, फिर भी संयुक्‍त मोर्चा ने पटवारी के 2800/- ग्रेड पे की सिफारिश की है। क्‍या लिपिक इतना कमज़ोर और असहाय हो गया है कि स्‍वयं को निम्‍नतम स्‍तर भृत्‍य के समान प्रदर्शित करना चाहता है? हैरानी होती है...।

बैठक में नतीजा यह निकला कि 28 जुलाई 2023 को उक्‍त 6 बड़े संघ समय 12 बजे दोपहर से शाम 4 बजे तक सभी 52 जिला मुख्‍यालयों में धरना देंगे और अपनी मांगों के प्रति सरकार को अवगत करायेंगे। जितने संवर्ग हैं उनमें से मात्र लिपिक संवर्ग ऐसा है जिसका वेतनमान आज के अन्‍य सभी संघों के कई पदों की अपेक्षा अधिक था, परन्‍तु लिपिक आज चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भॉंति महसूस करने लगा है जो न तो संवैधानिक रूप से सही है और न ही मानवीय मूल्‍यों के आधार पर। लिपिक संवर्ग में लिपिक नेतृत्‍व के उदासीन रवैये ने काफी परेशान किया है, लिपिक चाहते हैं कि 6 संघ एवं संयुक्‍त मोर्चा के साथ यदि लिपिक नेतृत्‍व अपनी बात रखना चाहें तो सही है, परन्‍तु लिपिक संघ को अलग से भी लिपिकों का 2400/- ग्रेड पे कराये जाने के लिए अभूतपूर्व प्रयास अब करना चाहिए, लिपिक संवर्ग इस शोषण को समाप्‍त कराने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। 

वैसे भी लिपिक संवर्ग को इस बात का एहसास पूर्व में ही हो जाना चाहिए था कि अन्‍य संवर्ग नहीं चाहते हैं कि लिपिकों की वेतन विसंगति दूर हो क्‍योंकि यदि ऐसा होता तो लिपिक समुदाय के द्वारा बार-बार विरोध करने के बाद भी संयुक्‍त मोर्चा अपने ज्ञापन में लिपिकों की वेतन विसंगति दूर कराने अर्थात् लिपिकों का ग्रेड पे 2400/- कराने की मॉंग रखता। लिपिक संवर्ग अब जाग चुका है, लिपिक अपना अधिकार मॉंगता है। लिपिक संवर्ग एकसूत्रीय मॉंग 2400/- ग्रेड पे कराने के लिए किसी भी हद तक अब जाएगा, लिपिक संवर्ग समय व्‍यर्थ कराकर भविष्‍य के चेक स्‍वरूपी तारीखों के मायाजाल में नहीं फँसेगा। लिपिक माह जुलाई में ही वेतन विसंगति दूर कराकर रहेगा। इसके लिए लिपिक संवर्ग माननीय लिपिक नेतृत्‍व से गुजारिश करता है कि लिपिकों के साथ हो रहे अन्‍याय को समझें और अलग से लिपिक वेतन विसंगति दूर कराने के अंतिम प्रयास को सफल बनाऍं। 

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