छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों में महंगाई भत्ते के प्रति रूझान हम पिछले साल से ही देखते आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की विशेष चिन्ता इस बात की रही है कि कर्मचारियों को एआईसीपीआईएन ऑंकड़ों के मुताबिक महंगाई भत्ता केन्द्रीय तिथि से दिया जाए, परन्तु दोनों राज्यों की सरकारों ने अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता न सिर्फ समय के साथ केन्द्र के समान नहीं दिया बल्कि उसका एरियर भी नहीं दिया। इसी बात को लेकर छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी जुलाई 7, 2023 से आन्दोलन की राह अपनाने वाले थे कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 5 प्रतिशत बढ़ा दिया, जिससे छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता अब 38 प्रतिशत मिलेगा। वैसे कर्मचारी 5 प्रतिशत नहीं बल्कि 9 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ने का इंतज़ार कर रहे थे ताकि महंगाई भत्ता 33 प्रतिशत से बढ़कर 42 प्रतिशत हो जाता जो उपभोक्ता मूल्य महंगाई सूचकांक के अनुसार उचित होता।
म.प्र. में 42 प्रतिशत डीए - मध्यप्रदेश की सरकार ने 23 जून 2023 को सरकारी कर्मचारियों का डीए/महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया था परन्तु माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के घोषणा में इस बात का उल्लेख नहीं था कि महंगाई भत्ता किस तिथि से मिलेगा एवं क्या एरियर भी मिलेगा। फलत: म.प्र. वित्त विभाग ने इस सम्बंध में कोई भी परिपत्र/आदेश ज़ारी नहीं किया तथापि मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को जून के वेतन जो जुलाई में मिलना था, बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं मिला। अब ख़बर ऐसी आ रही है कि मध्यप्रदेश का वित्त विभाग इस सम्बंध में माह जुलाई 2023 में आदेश ज़ारी करेगा एवं कर्मचारियों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता 42 प्रतिशत जुलाई के वेतन जो अगस्त माह में भुगतान होगा, देय होगा।
धारा-49 प्रभावित पेंशनर्स पा रहे 33 प्रतिशत महंगाई राहत - ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जो रिटायर हो चुके हैं एवं मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ पुनर्गठन की धारा-49 से प्रभावित हैं उनको लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक तरफ जहां म.प्र. के नियमित कर्मचारियों का महंगाई भत्ता अगले माह से 42 प्रतिशत हो जाएगा, वहीं पेंशनर्स को छत्तीसगढ़ की सहमति के आधार पर सिर्फ 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता ही मिलेगा। दोनों राज्यों की सरकारें पेंशनर्स के लिए भी 38 प्रतिशत महंगाई राहत करने की सहमति पर जल्द विचार करेंगी।
पेंशनर्स एसोसिएशन लगातार कई वर्षों से म.प्र.-छ.ग. पुनर्गठन की धारा-49 हटाने की मॉंग करता आया है परन्तु हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। कर्मचारियों के विभिन्न मॉंगे के ही समान पेंशनर्स एसोसिएशन भी लगातार म.प्र. सरकार को ज्ञापन के माध्यम से अपना यह दर्द बताता आया है। धारा-49 होने के कारण दोनों राज्यों के पेंशनर्स को हर माह हज़ारों रूपये का नुकसान होता है।
दीवाली से पहले 45 प्रतिशत होगा महंगाई भत्ता - उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के मई तक के ऑंकड़ों के अनुसार सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 3 प्रतिशत और बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है जिससे कर्मचारियों को 1 जुलाई 2023 तिथि से ही दीवाली से पहले महंगाई भत्ता 42 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत हो जाएगा। जनवरी से मई 2023 पॉंच महीने के ऑंकड़ा की बात करें तो 2.4 प्रतिशत धनात्मक रहा है। मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ इन दोनों राज्यों में नवम्बर 2023 में ही विधानसभा चुनाव हैं तो आशा की जा रही है कि सितम्बर माह में ही सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केन्द्रीय तिथि अनुसार 1 जुलाई 2023 से बढ़ाकर 45 प्रतिशत कर दिया जाए।
म.प्र. लिपिक कर्मचारियों का 2400/- ग्रेड पे होना तय - ख़बर आ रही है कि मध्यप्रदेश लिपिक कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष माननीय एम.पी. द्विवेदी जी हाल ही में मध्यप्रदेश कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष माननीय रमेश चन्द्र शर्मा जी से भोपाल में स्थित वल्लभ भवन में मिले हैं जिसकी चर्चा सार्थक रही है। कुछ माह पूर्व ही मध्यप्रदेश वित्त विभाग ने मध्यप्रदेश कर्मचारी आयोग को लिपिक कर्मचारियों का ग्रेड पे 2400/- करने एवं मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान करने की सिफारिश हेतु सहमति पत्र चाहा था जिसका जबाव कर्मचारी आयोग जल्द ही वित्त विभाग हो सकारात्मक रूप में देगा। 2016 वर्ष में बनी लिपिक वेतन विसंगति दूर कराने हेतु समिति के अध्यक्ष मा. रमेशचन्द्र शर्मा जी ही रहे थे जो वर्तमान में कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने तब मध्यप्रदेश के लिपिक कर्मचारियों का प्रारम्भिक ग्रेड पे 2400/- करने की सिफारिश किया था।
लिपिक कर्मचारियों में है आक्रोश, लिपिक वेतन विसंगति ही है सबसे बड़ा मुद्दा - मध्यप्रदेश के लिपिक कर्मचारियों की वेतन विसंगति 30 वर्ष से भी अधिक पुरानी है। लिपिक कर्मचारियों को हर बार माननीय न्यायालय से जीत मिली है, सरकार ने भी लिपिकों का ग्रेड पे/वेतन बढ़ाने का समर्थन किया था परन्तु प्रत्येक बार आश्वासन एवं कमेटियों तले लिपिकों की मॉंग को दबा दिया गया। सूत्रों की माने तो लिपिक वर्गीय सरकारी कर्मचारियों में इस टालमटोल का आक्रोश है एवं स्वयं को वह ठगे महसूस कर रहे हैं तथापि मध्यप्रदेश के लिपिक न चाहते हुए भी कलमबन्द हड़ताल की ओर अग्रसर हो सकते हैं। परन्तु लिपिकों के लिए अच्छी ख़बर यही है कि जुलाई माह 2023 के अन्त तक ही लिपिकों का ग्रेड पे 2400/- करने का आदेश आ सकता है।
वीडियो देखें - कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, डीए में 5 फीसदी की वृद्धि | Employee News MP-CG
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