छत्तीसगढ़ की सरकार ने जुलाई 2023 में सरकारी कर्मचारियों की कई मॉंगें पूरी कर दी जैसे कि महंगाई भत्ता केन्द्र के समान करना, कई पदों का वेतनमान बढ़ाना, आवास भत्ता बढ़ाना आदि। छत्तीसगढ़ में मध्यप्रदेश की ही तरह सरकारी कर्मचारियों को 6वें वेतनमान में आवास भत्ता मिलता था जिसे छत्तीसगढ़ की सरकार ने रिवाइज कर दिया। इस सम्बंध में 2 अगस्त 2023 को छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग द्वारा आदेश भी ज़ारी कर दिया गया है। अब छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को 7वें वेतनमान में आवास भत्ता प्राप्त होगा।
आवास भत्ता 7वें वेतनमान में |
अनोखी बात यह भी है कि 1 जुलाई 2023 से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक ऑंकड़ों के मुताबिक महंगाई भत्ता की दर 4 प्रतिशत और बढ़कर 46 प्रतिशत हो जाएगी। जैसे ही यह महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत को पार करेगा, आवास भत्ता में 1 प्रतिशत की वृद्धि अपने-आप हो जाएगी। इस हिसाब से उपरोक्त शहरों को क्रमश: 10 प्रतिशत, 7 प्रतिशत एवं 30 प्रतिशत के स्लैब में विभाजित किया गया है। यह बढ़ा हुआ आवास भत्ता आदेश दिनांक 02 अगस्त 2023 से ही लागू हो गया है।
दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में भी आवास भत्ता / गृह भाड़ा भत्ता बढ़ाये जाने की मॉंग प्रारम्भ हो गई है, परन्तु मध्यप्रदेश में लिपिकों की वेतन विसंगति की मॉंग प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है। छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना पिछले साल 2022 में ही लागू कर दी गई थी, परन्तु मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली की मॉंग की आवाज बुलंद नहीं हो पा रही है क्योंकि मध्यप्रदेश के प्रत्येक विभाग की रीढ़ ही हड्डी कहलाने वाले लिपिक/क्लर्क में वेतन विसंगति मौजूद है। मध्यप्रदेश के लिपिकों को वर्तमान में 8वीं-10वीं योग्यता प्राप्त ड्राईवरों से भी कम वेतन में 1900/- ग्रेड पे ही प्राप्त हो पा रहा है, इस आक्रोश में मध्यप्रदेश के लिपिकों ने योग्यता अनुसार और पूर्व में माननीय न्यायालय द्वारा दिये गये आदेशानुसान एवं मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई कमेटियों के अनुसंशाओं के आधार पर 2800/- ग्रेड पे किये जाने की मॉंग पर अड़ गये हैं। मध्यप्रदेश के समस्त विभागों का समर्थन अब मध्यप्रदेश के लिपिक संवर्ग को प्राप्त हो गया है। मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा भी पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को भूलकर लिपिकों की वेतन विसंगति दूर कराने के लिए लिपिक के प्रत्येक आन्दोलन और कदम पर नज़र रख रहा है, जिस प्रकार घर का कोई अभिभावक अपने संरक्षित पर प्यार भरी नज़र टिकाये रहता है, ठीक उसी प्रकार से मध्यप्रदेश के समस्त संघ और अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा लिपिकों/क्लर्क की मॉंग को सर्वोपरि मानते हुए पुरानी पेंशन जैसी देशव्यापी मॉंग को भी भूल गये हैं।
यह भी स्पष्ट हो चुका है कि मध्यप्रदेश में संयुक्त मोर्चा लिपिकों की वेतन विसंगति दूर होने के बाद ही पुरानी पेंशन योजना बहाली पर विचार कर सकता है। एक सर्वे की मानें तो मध्यप्रदेश के कर्मचारियों की सबसे बड़ी चिन्ता लिपिकों की वेतन विसंगति दूर होना है, न कि पुरानी पेंशन बहाली। इसी नक्शेकदम पर चलते हुए संयुक्त मोर्चा ने लिपिकों का दामन थाम लिया है। परन्तु संयुक्त मोर्चा यदि अपने ज्ञापन में लिपिक वेतन विसंगति दूर कराकर 2800/- ग्रेड पे करने की मॉंग का समर्थन नहीं करता तो संयुक्त मोर्चे का दोमुहॉं चेहरा सबके सामने बेनकाब हो जाएगा।
25 अगस्त 2023 को संयुक्त मोर्चा लिपिकों का ग्रेड पे 2800/- कराये जाने के लिए प्रदेशव्यापी हड़ताल करने वाला है। संयुक्त मोर्चे का लिपिकों के बारे में इतनी फिकर होने पर मध्यप्रदेश का प्रत्येक लिपिक संयुक्त मोर्चा का आभार व्यक्त करता है और उम्मीद है कि संयुक्त मोर्चा सिर्फ और सिर्फ लिपिक वेतन विसंगति को ही मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा मानते हुए 25 अगस्त 2023 को होने वाली प्रदेशव्यापी हड़ताल में सफलता पाएगा।
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