मध्यप्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनर्स में भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई जब मीडिया में यह बात चलने लगी कि मध्यप्रदेश सरकार ने 18 जुलाई 2024 की केबिनेट में 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता व राहत बढ़ा दिया है। परन्तु यह 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता व राहत बढ़ने के उपरांत भी 42 से बढ़कर 46 प्रतिशत डीए/डीआर होने की बात कही गई। असल में इस तथ्य को अखबार एवं समाचार पत्रों में सही ढंग से न तो प्रस्तुत किया गया और न ही सरकार की तरफ से वास्तविक सोशल मीडिया हैण्डल्स के द्वारा तथ्यात्मक जानकारी प्रस्तुत की गई।
पिछले महंगाई भत्ता व राहत के आदेश का सिर्फ अनुमोदन - दरअसल मध्यप्रदेश की सरकार ने राज्य कर्मचारियों का 1 जुलाई 2024 से जबकि पेंशनर्स का 1 मार्च 2024 से क्रमश: महंगाई भत्ता व महंगाई राहत बढ़ाने का निर्णय लिया था, जिसका अनुमोदन मध्यप्रदेश केबिनेट के विभिन्न कारणों से नहीं हो पाया था। उसी पुराने 42 प्रतिशत से 46 प्रतिशत होने के 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता व राहत के आदेश का अनुसमर्थन मध्यप्रदेश की केबिनेट से दिनांक 18 जुलाई 2024 को किया गया। मध्यप्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनर्स में इस बात का उत्साह था कि सरकार ने 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता व महंगाई राहत 4 प्रतिशत पुन: बढ़ाकर केन्द्र के समान 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता कर दिया है, परन्तु यह निराशाजनक ख़बर थी कि उस महंगाई भत्ते का अनुसमर्थन किया गया जिसका लाभ मध्यप्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनर्स को पिछले कई महीनों से मिलता आ रहा है।
मध्यप्रदेश के अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने केन्द्र के समान महंगाई भत्ता व राहत की मांग के लिए सरकार ने निवेदन किया है और सूचक तौर पर बताया है कि यदि कर्मचारियों का महंगाई भत्ता/राहत इसी माह केन्द्र के समान 50 प्रतिशत होने का आदेश नहीं आता है तो मज़बूरन संयुक्त मोर्चे को अगले माह से आन्दोलन की राह इख्तियार करना पड़ेगा। साथ ही लिपिकों की वेतन विसंगति के लिए बने सिंघल आयोग के कार्यकाल बढ़ाये जाने को लेकर भी अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा चिंतित है, क्योंकि मध्यप्रदेश के क्लर्क/लिपिकों की वेतन विसंगति पिछले 40 वर्ष से चली आ रही है व आयोग के कार्यकाल बढ़ाये जाने से लिपिकों को आश्वासन के सिवाय कुछ हाथ नहीं लगा।
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा इसी माह 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता व राहत बढ़ने का इंतज़ार कर रहा है क्योंकि अगले ही माह 19 अगस्त 2024 को रक्षाबन्धन है और पिछले लगभग 7 माह से मध्यप्रदेश के कर्मचारी 4 प्रतिशत कम केन्द्र से डीए / डीआर प्राप्त कर रहे हैं।
म.प्र. कर्मचारी/पेंशनर्स के 4% डीए/डीआर की झूठी ख़बर चल पड़ी है ...
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