भारत एक विशाल देश है जहॉं विभिन्न समुदाय-सम्प्रदाय के लोग रहते हैं। इसी कारण भारत को अनेकता में एकता वाला देश कहा जाता है एवं विश्व-पटल पर भारतवर्ष की इसी खूबी के कारण सम्मान दिया जाता है। भील समुदाय भारतीय जनजाति का सबसे बड़ा समुदाय है। यह कुल आबादी का लगभग ३७ प्रतिशत हिस्सा रखता है। भील समुदाय प्रमुखतया भारत के पश्चिम-मध्य राज्यों में रहता है। इस समुदाय के जनसंख्या घनत्व को आप दिये गये मानचित्र में गहरे हरे रंग से समझ सकते हैं।
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भील समुदाय आज पुन: खबरों में है क्योंकि इन्होंने पुन: भील प्रदेश की मॉंग की है। भील प्रदेश की मॉंग कोई नयी मॉंग नहीं है अपितु यह मॉंग ब्रिटिश भारत समय से ही रूप ले चुकी थी। असल में उस ब्रिटिश नक्शे का वजूद असलियत में नहीं था परन्तु एक विचार तैयार हो चुका था।
भील प्रदेश में दक्षिणी राजस्थान, पूर्वी गुजरात, उत्तरी महाराष्ट्र व पश्चिमी मध्यप्रदेश का भाग शामिल होगा जहॉं भील की आबादी ज्यादा है। यह ऐसा इसलिये मॉंग कर रहे हैं क्योंकि इनकी आबादी बँट जाने से उन क्षेत्रों में कोई खास विकास हुआ नहीं है। इन्हें लगता है कि अगर भील बहुल क्षेत्र को एक प्रदेश का दर्जा दे दिया जाये तो स्थिति में सुधार हो सकता है।
असल में भील प्रदेश की मॉंग २०१७ में तेजी पकड़ी थी और गुजरात तथा राजस्थान विधानसभा चुनाव पश्चात यह मॉंग और तीव्र हो गई जब भारतीय ट्राइबल पार्टी ने उन चुनावों में कुछ सीटें जीत ली। अब उनका प्रतिनिधित्व सरकार में भी है, अत: आये दिन भील प्रदेश देखने को मिल सकता है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३ के मुताबिक संसद बहुमत से कोई राज्य निर्माण कर सकती है तथा किसी राज्य की सीमा में कमी भी ला सकती है। तो यदि भीलप्रदेश का निर्माण होता है तो यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३ के अन्तर्गत होगा। भील समुदाय इन क्षेत्रों में कुछ स्वायत्तता चाहते हैं, क्योंकि आज भी अगर फैक्ट्री हैं तो उनके मालिक भील समुदाय से नहीं जो कहीं न कहीं उनकी निजी जरूरतों को नहीं समझ पाते। तो भील प्रदेश बनने से भील क्षेत्रों का विकास सम्भव हो सकेगा।
आपको हम बता दें कि किसी राज्य के राज्यपाल के पास यह शक्ति होती है कि वह किसी भी क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित कर वहॉं विशेष कदम उठा सकते हैं। इसी नियम के फलस्वरूप कोई क्षेत्र चुनाव आदि में आरक्षित घोषित किया जाता है। भील प्रदेश की मॉंग करना कोई असंवैधानिक नहीं है, ऐसा विभिन्न राज्यों में देखने को मिलता है, चाहे वह बोडोलैण्ड असम में हो या कोई अन्य। इसका एक अन्य कारण यह भी होता है कि ऐसा करने से सरकारों का ध्यान उस ओर जाता है एवं उन समुदायों की बात मानने को वह सरकार बाध्य हो जाती है।
अन्त में मेरे विचार कुछ ऐसे है कि असल भारत इन्हीं जनजातीय लोगों की वहज से है। मैं व्यक्तिगत तौर पे इनसे काफी जुड़ा हुआ हूँ और इनकी सच्चाई, मानवता और सादगी का कायल हूँ। यदि भीलप्रदेश के बनने से भील समुदाय की भलाई होती है तो हम सभी भारतवासियों को इसके समर्थन में आगे आना चाहिए।
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