eDiplomaMCU: आवेदन पत्र अन्‍तर्गत धारा – 457 द.प्र.सं. का विरोध (प्रारूप)

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Saturday, January 23, 2021

आवेदन पत्र अन्‍तर्गत धारा – 457 द.प्र.सं. का विरोध (प्रारूप)

 प्रस्‍तुत प्रारूप में अपराध क्रमांक व प्रकरण क्रमांक बदल दिया गया है, ताकि अभियुक्‍त / अपराधी जो कि निर्दोष भी हो सकता है; की गरिमा को ध्‍यान में रखते हुए अभियुक्‍त की जगह लेखक (मेरा नाम अभिषेक कुमार त्रिपाठी) प्रयुक्‍त किया जा रहा है। तथा पीडि़त का नाम भी बदल दिया गया है। यह अभियोजन के कार्य एवं पुलिस की सहायता में किस तरह अभियोजन मदद करता है, उसका एक उदाहरण है। लेखक कार्यालय सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, जिला सिंगरौली मध्‍यप्रदेश में लिपिक के पद पर 27 जून, 2020 से कार्यरत है।


इस अपराध मेंं अपराधी ने अपनेे वाहन का प्रयोग किया है। इस बात का डर है कि यह अपराधी भविष्‍य में कोई और अपराध कारित कर सकता है अथवा इतना जघन्‍य अपराध है कि उसे उसका वाहन वापस न किया जाये। परन्‍तु अपराधी के वकील कानूनन उसे वह वाहन वापस दिलाने के लिए न्‍यायालय में उपस्थित हुये हैं। पीडि़त की तरफ से अभियोजन की ओर से न्‍यायालय को इस प्रकार का आवेदन प्रस्‍तुत किया जाना है। 


कार्यालय सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, देवसर, जिला- सिंगरौली (म.प्र.)

म.प्र. राज्‍य

            बनाम

                अभिषेक कुमार त्रिपाठी 

                                 अपराध क्रमांक- कखग/20

                                    अपराध अन्‍तर्गत धारा- 366 भा.दं.वि.

आवेदन पत्र अन्‍तर्गत धारा – 457 द.प्र.सं. का विरोध

मान्‍यवर,

     अभियोजन निम्‍नलिखित निवेदन करता है-

1.     यह कि प्रश्‍नगत वाहन थाना सरई के अपराध क्रमांक- कखग/20 अपराध अन्‍तर्गत धारा- 366, 376, 342, 306, 115, 506, 34 भा.दं.वि. को कारित करने में प्रयुक्‍त किया गया है।

2.     यह कि उक्‍त वाहन आरोपी अभिषेक कुमार त्रिपाठी के पेश करने पर वजह सबूत ज़ब्‍त किया गया है।

3.     यह कि उक्‍त वाहन का न तो रजिस्‍ट्रेशन नम्‍बर अंकित है और न ही विवेचना के दौरान उक्‍त वाहन के सम्‍बन्‍ध में कोई काग़जात पेश किया गया है।

4.     यह कि उक्‍त वाहन का प्रयोग काफी गम्‍भीर एवं घृणित अपराध कारित करने में किया गया है।

5.     यह कि उक्‍त वाहन को सुपुर्दगी में दिया जाना मामले की प्रकृति एवं गम्‍भीरता को देखते हुए न्‍यायहित में नहीं है।

 

     अस्‍तु माननीय न्‍यायालय से निवेदन है कि उक्‍त वाहन को सुपुर्दगी में दिया जाना न्‍यायहित में उचित नहीं है।

 

 

सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी



यदि आपके मन में कोई अन्‍य प्रश्‍न है या अभियोजन की सहायता लेना चाहते हैं तो आप हमसे सम्‍पर्क कर सकते हैं। आपके मन में किसी प्रकार की कोई शंका है या आपके साथ कोई अपराध कारित किया जा रहा है या हो चुका है और आपको लगता है कि आपके साथ कोई नहीं है, तो यकीन करिए अभियोजन पीडि़त अर्थात् आपका सगा है। यही है जो आपराधिक गतिविधियों को रोकने हेतु सरकार का मज़बूत पक्ष न्‍यायालय में रखता है। मध्‍यप्रदेश में गवाह सहायता केन्‍द्र अभियोजन में सत्र 2020 में शुरू की गई जोकि देश में प्रथम बार ऐसा किया गया, उसमें मध्‍यप्रदेश के 51 जिलों के अभियोजन कर्मचारी इन्‍दौर में प्रारम्‍भ विमोचन में उपस्थत हुए, जिनमें से लेखक स्‍वयं जिला सिंगरौली मध्‍यप्रदेश की ओर से शिरकत किए। 


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