हेलो दोस्तों मेरा नाम अभिषेक है, शायद मेरा परिचय आपको देने की आवश्यकता न थी, परन्तु जब कोई भी बात मैं आपसे करता हूँ, किसी भी वीडियो के माध्यम से तो सबसे पहले मैं अपना परिचय कुछ इस तरह से ही देता हूँ। मैं इस लेख को लिखते समय बहुत भावुक हूँ और एक सकारात्मक उत्साह से भरपूर हूँ। इस लेख में मैं आपसे महंगाई भत्ता या आवास भत्ता या लिपिक वेतन विसंगति की बात नहीं करूंगा। क्योंकि मैं मध्यप्रदेश सरकार के लिए काम करता हूँ, परन्तु होते हुए कर्मचारी शोषण, लिपिकों के साथ भेदभाव एवं उनकी वेतन विसंगति के प्रति मैं बहुत चिंतित था।
सोशल मीडिया पर सरकारी कर्मचारी की मांगें |
काफी महीने पहले से ही मैं महंगाई भत्ता, आवास भत्ता और मध्यप्रदेश के लिपिक कर्मचारियों की वेतन विसंगति को दूर कराने के लिए यूट्यूब पर वीडियोज लगातार बना रहा था, और तो और बहुत सारे लेख भी इस वेबसाईट में लिखता आ रहा था। मुझे मेरे प्रयास की चिंता न थी, बल्कि जो काम मैं यहां ऑफिस में करता हूँ और जो महसूस किया, वही मैंने वीडियोज के माध्यम से आपको बताया। मैंने यह भी देखा कि किस प्रकार मध्यप्रदेश का लिपिक कर्मचारी अन्य संवर्गों से अधिक मेहनत और उच्च गुणवत्ता का काम करता है, लेकिन उसका वेतन बहुत कम है, कभी इन्हीं लिपिकों का वेतन आज के अन्य उच्च वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों से बहुत अधिक था, जैसे वनरक्षक, पुलिस आरक्षक, शिक्षक वर्ग-3, पटवारी आदि। लेकिन जितनी भी सरकारें आईं और जितने भी पे कमीशन बने, सभी ने मध्यप्रदेश के लिपिकों का शोषण ही किया है और आज के दौर में लिपिकों को चपरासियों के समान व्यवहार किया जाता है, जबकि लिपिक उच्च योग्यता के साथ उच्च स्तर का काम करता है।
लिपिकों के साथ शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक प्रताड़ना के साथ-साथ सामाजिक प्रताड़ना से भी प्रताडि़त किया जाता है। इसलिए लिपिकों को लिपिक वेतन विसंगति दूर कराने के लिए 2022 में ही जी-जान से प्रयत्न करना चाहिए।
साथ ही साथ सभी अन्य संवर्ग के सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता एवं आवास भत्ता केन्द्र सरकार की तुलना में काफी कम मिल रहा है, इसका आक्रोश मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के समस्त कर्मचारियों में है। वैसे आज दिनांक 13 जनवरी 2022 तक मध्यप्रदेश में 20 प्रतिशत जबकि छत्तीसगढ़ में 17 प्रतिशत नियमित कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिल रहा है। दूसरी तरफ मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों के पेंशनर्स को सिर्फ 17 प्रतिशत ही मिल रहा है, जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने अक्टूबर 2021 से महंगाई भत्ता बढ़ाकर सन् 2019 जुलाई के बाद से अक्टूबर 2021 तक का महंगाई भत्ता एवं एरियर का लाखों रूपये कर्मचारियों की मेहनत की कमाई छीन लिया।
महंगाई भत्ता एवं अन्य मांगों से सम्बंधित ख़बर मैं आपके साथ लगातार साझा करता आया हूँ। छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी लगातार महंगाई भत्ता एवं अन्य भत्ते केन्द्र के समान मांगते आ रहे हैं, और अब मज़बूर होकर प्रत्यक्ष आन्दोलन के साथ-साथ सोशल साईट का भी सहारा लेंगे। जनवरी 2022 के अन्तिम सप्ताह से शुरू होने वाले छत्तीसगढ़ के कर्मचारी आन्दोलन में आप सोशल साईट पर भी उनकी मांगें एवं आक्रोश देख पाएंगे।
दोस्तों, मैं पिछले कई महीनों से लगातार मध्यप्रदेश लिपिक वेतन विसंगति, महंगाई भत्ता एवं आवास भत्ते की मांग को लेकर बेबाक वीडियोज में बोलता आ रहा था। मुझे अधिकतम लोगों ने सराहा एवं मेरे प्रयास की तारीफ की, तो वहीं कुछ हीन भावना रखने वाले कर्मचारी बोले की सोशल मीडिया पर सब बकवास है। तो आज छत्तीसगढ़ सरकारी कर्मचारी फेडरेशन यदि सोशल मीडिया पर आन्दोलन एवं अपनी बात रखने की बात करता है तो हमें यह समझ जाना चाहिए कि इंटरनेट एवं सोशल मीडिया में बहुत ताक़त है, जो हमें एकमत करने के साथ-साथ हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा कराने में सहायक सिद्ध होगा।
वीडियो देखें- ख़ुशख़बरी- सरकारी कर्मचारी संघ इंटरनेट/सोशल मीडिया पर करेगा सबसे बड़ा आन्दोलन । जल्द बढ़ेगा डीए...
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