eDiplomaMCU: सीपीसीटी की अनिवार्यता समाप्‍त होना ज़रूरी, लेकिन बाबुओं को उचित स्‍थान मिलने की अत्‍यंत आवश्‍यकता

Translate to my Language

Wednesday, September 21, 2022

सीपीसीटी की अनिवार्यता समाप्‍त होना ज़रूरी, लेकिन बाबुओं को उचित स्‍थान मिलने की अत्‍यंत आवश्‍यकता

दोस्‍तों, मेरा नाम अभिषेक है। जिन्‍दगी में जो इन्‍सान गरीबी देख लेता है और मेहनत करके आगे बढ़ता है उसे किसी और की ऑंखों में ऑंसू कभी पसंद नहीं आयेगा। मध्‍यप्रदेश के लिपिक वर्गीय कर्मचारी सहायक ग्रेड-3 भी उसी गरीब की तरह हैं जिनको दासता और जुल्‍म की जकड़ ने इतना तोड़ दिया है कि मज़लूम और शोषित के प्रति संवेदना इनकी रग-रग में बसने लगती है। आज इस लेख में हम मध्‍यप्रदेश के लिपिकों की कुछ समस्‍याओं के बारे में बात करने वाले हैं और साथ ही साथ बात करेंगे आज लिपिक संघ जो मॉंग कर रहा है वह कालातीत मॉंग हो चुकी है। 

लोड हो रहा है...
सीपीसीटी का हटना है आवश्‍यक

हम सीधे तौर पर किसी निष्‍कर्ष पर पहुँचे, हम मध्‍यप्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ भोपाल द्वारा दिनांक 20/09/2022 को ज़ारी प्रेस विज्ञप्ति में जो बात लिखी है उसे देख लेते हैं - 

''शासकीय सेवक की सेवाकाल में मृत्‍यु होने पर उनके आश्रित एक सदस्‍य को अनुकम्‍पा नियुक्ति दी जायेगी। सामान्‍य प्रशासन द्वारा 29 सितम्‍बर 2014 को अनुकम्‍पा नियुक्ति की अर्हताऍं में संशोधन कंडिका 6.5 में दिवंगत शासकीय सेवक के आश्रित को सहायक ग्रेड-3 के पद पर अनुकम्‍पा नियुक्ति के लिए कम्‍प्‍यूटर डिप्‍लोमा तथा कम्‍प्‍यूटर टायपिंग दक्षता प्रमाण पत्र परीक्षा (CPCT) मान्‍यता प्राप्‍त संस्‍था से उत्‍तीर्ण किये जाने हेतु 03+01=04 वर्ष का समय दिया गया है। इस अवधि के व्‍यतीत होने पर संबंधित कर्मचारी द्वारा वांछित परीक्षा उत्‍तीर्ण न करने पर उनकी सवाऍं समाप्‍त की जा सकेगी।  

अनुकम्‍पा नियुक्‍त प्रकरण कंडिका 6.5 की अनिवार्यता के कारण प्रदेश के कई विभागों में सहायक ग्रेड-3 को सेवा से पृथक किया जा चुका है। कंडिका 6.5 के परिप्रेक्ष्‍य में मृतक शासकीय सेवक के आश्रित पति/पत्‍नी के पालन पोषण के साथ भविष्‍य की चिंता होने लगी है। यह समस्‍या केवल लिपिक संवर्ग की नहीं है। अधिकारी से लेकर लघुवेतन कर्मचारी तक के परिजनों के साथ अनहोनी होने पर अनुकम्‍पा नियुक्ति पर कठनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।

अवगत होना चाहें कि कम्‍प्‍यूटर डिप्‍लोमा तथा कम्‍प्‍यूटर टायपिंग दक्षता प्रमाण पत्र परीक्षा (CPCT) में बीई, एमएससी, बीएससी, पास परीक्षार्थियों के साथ अनुकम्‍पा नियुक्‍त 12वीं पास सहायक ग्रेड-3 भी परीक्षा देते हैं। परीक्षा का स्‍तर स्‍नातक/स्‍नातकोत्‍तर का कठिन होने से पास नहीं हो पा रहे हैं।

✔ सहायक ग्रेड-3 की नियुक्ति नियमित वेतन 5200-20200+ग्रेड पे 2400 किया जाये। 
✔ सीपीसीटी का 03 माह का प्रशिक्षण उपरान्‍त विभागीय परीक्षा आयोजित की जाये। 
✔ सीपीसीटी कंडिका 6.5 का विलोपन किया जाये।
✔ सीपीसीटी के कारण सेवा समाप्‍त कार्यालय सहायक ग्रेड-3 की सेवा बहाल की जाये।
✔ 40 वर्षों के बाद टाईपिंग परीक्षा की तरह सीपीसीटी की बाध्‍यता समाप्‍त जाये।

म.प्र. लिपिक वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के एम.पी. द्विवेदी (प्रांताध्‍यक्ष), लिपिक समिति के मुकेश चतुर्वेदी अध्‍यक्ष, संजय दुबे, सतीश गोंडाने, जे.के.जैन, अनिल सम्‍परिया, संतोष शुक्‍ला, जितेन्‍द्र सिंह राजपूत, के.एस. चौहान, महमूद खान, कमलेश चौहान, सतीश चंद्राैल, हरीश कुमार शुक्‍ला, देवेन्‍द्र व्‍यास, अजय टोकर, बी.एस. तरेटिया, नासिर अली खान आदि ने अनुकम्‍पा प्रकरण में सरलीकरण कर कंडिका 6.5 का विलोपन किया जाये।''

दोस्‍तों अब बात करते हैं मुद्दे की, न सिर्फ यह प्रेस विज्ञप्ति बल्कि जितनी भी मॉंगे मध्‍यप्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ भोपाल द्वारा की जा रही हैं वह न सिर्फ कालातीत सी प्रतीत हो रही है, बल्कि जिन लिपिकों के पास सीपीसीटी है उनकी गरिमा को ध्‍यानगत नहीं रखा जा रहा है। सीपीसीटी हटने का समर्थन सभी लिपिक साथी करते हैं क्‍योंकि यह किसी की नौकरी का सवाल है, परन्‍तु जिस पद को आज के दौर में जो सीपीसीटी जैसा कठिनतम परीक्षा पास करके यदि लिपिक बन रहा है तो सबसे पहले तो सरकार से यह मॉंग करनी चाहिए कि स्‍नातक/स्‍नातकोत्‍तर स्‍तर पर भर्ती होने वाले किसी ऐसे पद का नाम बता दें जिसे लिपिक से कम या बराबर वेतन मिल रहा हो। यदि कोई भर्ती सिर्फ स्‍नातक स्‍तर पर होती है चाहे उसका वेतन हमेशा लिपिकों से कहीं अधिक होता है, आज ग्रामीण कृषि विस्‍तार अधिकारी (योग्‍यता सिर्फ स्‍नातक) से अधिक योग्‍यता पर भर्ती लिपिकों (सहायक ग्रेड-3) (योग्‍यता- स्‍नातक+पीजीडीसीए+सीपीसीटी तीनों सेक्‍शन पास, ग्रुप-2 सबग्रुप-4 से भर्ती) की हो रही है लेकिन वेतन ग्रामीण कृषि विस्‍तार अधिकारी का अधिक है। 

मध्‍यप्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ समयमान वेतनमान की बात कर रहा है, ग्रेड-1 के पदनाम परिवर्तन की मॉंग कर रहा है, अनुकम्‍पा नियुक्‍त कर्मचारियों के लिए सीपीसीटी हटाने की बात कर रहा है लेकिन जिन्‍होंने कठिनतम परीक्षा सीपीसीटी और फिर भर्ती परीक्षा पास करके लिपिक का पद प्राप्‍त किया है उसे दरकिनार किया जा रहा है। लिपिक संघ को क्‍यों‍ नहीं मॉंग करना चाहिए कि ऐसे लिपिक जो सीपीसीटी प्राप्‍त हैं उनकी वर्तमान योग्‍यता और कार्यकुशलता देखते हुए उनका वेतनमान कम से कम 2800/- ग्रेड पे किया जाए। आज पटवारी संवर्ग जिनका वैसे ही वेतनमान सहायक ग्रेड-3 से अधिक है 2800-/ ग्रेड पे की मॉंग कर रहा है लेकिन लिपिक संवर्ग को यहॉं भी दरकिनार किया जा रहा है। 

मजे की बात यह है कि किसी को यदि अनुकम्‍पा नियुक्ति की बात आ जाए तो सीधे तौर पर उसे बाबू/लिपिक बना देने की बात होती है, लेकिन जिस योग्‍यता पर वर्तमान में बाबू भर्ती हो रहा है उसे पास कर पाना आज के 2800/3600/4200 ग्रेड पे पाने वालों के बस की भी बात नहीं है, क्‍योंकि वर्तमान का लिपिक उनसे अधिक कठिन दौर से गुजर कर आ रहा है। शुक्र है कि अनुकम्‍पा नियुक्ति में ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के अधिकारियों के बच्‍चों को सीधे ग्रुप-ए और ग्रुप-बी में अनुकम्‍पा नहीं दी जाती वरना आज के दौर में अनुकम्‍पा नियुक्ति में सहायक ग्रेड-3 के पद से सीपीसीटी हटाने की बात कोई न कर रहा होता, और न ही इस पद की गरिमा को कोई समझ पा रहा होता कि कितना योग्‍य आज का लिपिक है। अनुकम्‍पा नियुक्ति की शर्तों के मुताबिक किसी को भी अनुकम्‍पा मध्‍यप्रदेश के तृतीय अथवा चतुर्थ संवर्ग में दिया जा सकता है। सहायक ग्रेड-3 के अलावा किसी को भी चपरासी, शिक्षक वर्ग-3, लैब टेक्‍नीशियन, माली, सुपरवाईजर आदि के पद पर अनुकम्‍पा नियुक्ति दी जा सकती है। आज मध्‍यप्रदेश में कोई भी अनुकम्‍पा नियुक्ति पद ऐसा नहीं है जिसका स्‍तर एक सहायक ग्रेड-3 के समकक्ष हो। इसलिए मध्‍यप्रदेश लिपिक संवर्ग के माननीय पदाधिकारी को सीपीसीटी वाले लिपिकों के बारे में भी सोचना चाहिए।

अनुकम्‍पा नियुक्ति की शर्त पर सहायक ग्रेड-3 के लिए सीपीसीटी तो हटना ज़रूरी है क्‍योंकि अनुकम्‍पा प्राप्‍त अन्‍य संवर्ग जैसे चपरासी, शिक्षक वर्ग-3, लैब टेक्‍नीशियन, माली, सुपरवाईजर आदि के प्रकरणों में उस कर्मचारी को सेवा से बर्खास्‍त नहीं किया जाता है, परन्‍तु सहायक ग्रेड-3 को सीपीसीटी के आधार पर सेवा से बाहर निकाल देना सही नहीं है। लेकिन दूसरी तरफ जिन लिपिकों ने सीपीसीटी के आधार पर अपना पद सुनिश्चित किया है उन्‍हें सम्‍मानजनक वेतन मिलना भी उतना ही ज़रूरी है जितना अनुकम्‍पा नियुक्ति के मामले में सीपीसीटी का हटाया जाना।



No comments:

Post a Comment