मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं किस प्रकार से बात शुरू करूँ? क्या मैं अपने कार्य को बढ़ाचढ़ाकर बताऊँ और मेरी जो अन्तर्रात्मा है उसके सामने शर्मिन्दा होऊं अथवा अपने कार्य को एक बेहतर समाज निर्माण के आइने के रूप में रखकर देखूँ और दिल की सारी बात बोल डालूँ? मेरा सामाजिक कार्य और लोगों की मदद करने का ज़ज्बा आज का नहीं बल्कि मेरे बचपन से है। वर्तमान में मैं देवसर, जिला सिंगरौली में सहायक ग्रेड-3 (लिपिक/क्लर्क) लोक अभियोजन (पुलिस) विभाग देवसर न्यायालय में कार्यरत हूँ। मैं शासकीय कार्य करने के साथ ही साथ बचे हुए समय में सुबह एवं शाम दोनों वक़्त विद्यार्थियों को पढ़ाता हूँ, मुफ्त में? नहीं मुफ्त में नहीं, रूपये नहीं लेता परन्तु उनको यदि क्वालिटी पढ़ाई मैं देता हूँ और बदले में वह बेहतर इंसान बनते हैं, इससे बड़ा ईनाम मेरे लिए क्या हो सकता है।
जहां फाउण्डेशन देवसर, जिला - सिंगरौली (म.प्र.) |
मैं अभी पिछले माह ही 26 वर्ष का हुआ हूँ, लगभग 4 वर्ष पूर्व मैं बैढ़न, सिंगरौली मुख्यालय से देवसर में पदस्थापित हुआ, मेरी इस शासकीय नौकरी को भी लगभग 4 साल कुछ माह हो रहे हैं। मैं जब स्कूल में था तब भी कुछ विद्यार्थियों की मदद किया करता था, कॉलेज गया तो वहॉं भी मोहल्ले में नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करना प्रारम्भ किया, मैंने कॉलेज समय में नि:शुल्क कम्प्यूटर शिक्षा भी विद्यार्थियों को प्रदान किया है। एक हिसाब से देखें तो मेरा जीवन जैसे नि:शुल्क शिक्षा और समाज के लिए ही समर्पित हो, ऐसा रहा है।
जब मैं कॉलेज पास करने के बाद नौकरी सिंगरौली में मिलने से यहां आया, फिर भी मैं यूट्यूब (डिजिटल सॉफ्ट हब) के माध्यम से लगातार शैक्षणिक कार्य में लगा रहा। मेरे पास सैकड़ों विद्यार्थियों के मैसेज और फोन आया करते कि मैं उन्हें जो कंटेंट दे रहा हूँ वह मददगार है और बदले में वह मुझे कुछ रूपये देना चाहते हैं, मैंने हमेशा मना कर दिया क्योंकि मेरी आय का ज़रिया मेरी नौकरी और यूट्यूब स्वयं था। मैंने ज़रूरत से अधिक रूपये की चाहत कभी नहीं किया, खासकर किसी को तंग करके, अथवा किसी की मज़बूरी का फायदा उठाकर अथवा किसी के आंसू-कफ़न पर खेलकर। यही कारण रहा है कि मैंने यूट्यूब पर अनैतिक कार्य और भ्रष्टाचार के खिलाफ़ खुलकर आवाज उठाया, मुझ पर कई उंगलियां भी उठने लगीं कि मैं एक सरकारी कर्मचारी हूँ, घूंस-लेना, भ्रष्टाचार करना, लोगों को तंग करके रूपये ऐंठना तो आम बात है, मुझे स्वीकार करना ही होगा एवं मुझे भी यह शुरू कर देना चाहिए। एक बार कुछ लोग मेरा मज़ाक बना रहे थे कि जिनको भ्रष्टाचार करने का मौका नहीं मिलता वही हरिश्चन्द्र बनने का गुणगान करते हैं वरना सभी भ्रष्टाचार से कमाई करना चाहते हैं। मैं इस व्यवस्था से तंग एवं परेशान था, कई बार मैंने स्थानीय स्तर पर हो रहे अन्याय के खिलाफ़ आवाज़ भी उठाया, जैसे एमआरपी से ज्यादा वसूली, ख़राब सामान बेचना, सर्विस में मुंहदेखा व्यवहार आदि, अन्यथा मारने की धमकी, इन सबके खिलाफ़ मैं लड़ता गया, कई बार यूट्यूब वीडियोज के माध्यम से भी इस अमानवीय और अनैतिक पहलुओं के विरोध में आवाज उठाया, परन्तु सरकारी विभाग के अन्दर एवं बाहर दोनों तरफ से भ्रष्टाचार के खिलाफ़ और तानाशाही के विरोध में खासा समर्थन मुझे नहीं मिला, मैंने स्वयं को अकेला पाया, मैंने निर्णय लिया कि मैं समाज में सुधार तो लाऊंगा परन्तु लोगों को जागरूक करके, उन्हें पढ़ाकर, पिछले संवर्ग की नींव मज़बूत करके जो आम लोग हैं और जिनके खिलाफ़ सबसे अधिक साजिश और शोषण होता आया है।
5 सितम्बर 2023 शिक्षक दिवस : जहां फाउण्डेशन देवसर |
मैंने 1 जुलाई 2023 से लगातार जहां फाउण्डेशन देवसर में पढ़ाना प्रारम्भ किया। इस संस्था को स्थापित करने वाले डॉ. एवी अन्सारी सर हैं और आबिद सर का भी बहुत योगदान रहा है। वैसे फरवरी 2023 में मैं आबिद सर से अंग्रेजी की शिक्षा लेने जहां फाउण्डेशन जाया करता था, बाद में मेरे बाएं पैर का एसीएल सर्जरी होना था तो कुछ माह के लिए भोपाल चला गया था। वापस आने पर मैंने जहां फाउण्डेशन के शिक्षा एवं व्यवस्था की जिम्मेदारी को स्वयं ले लिया जिसमें आबिद सर का मार्गदर्शन एवं डॉ. अन्सारी सर का साथ बना रहा। प्रारम्भ में मैंने एमपी पुलिस 2023 भर्ती की तैयारी कराना प्रारम्भ किया जिसका परिणाम अच्छा रहा। ताज, ताजुद्दीन, दिलशेर, नवाब, सलमान, आरिफ, तौसिफ, तसलीम, आदि विद्यार्थियों का, जो मेरे दोस्त भी हैं, इस संस्था में शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ संस्था संचालन की व्यवस्था को भी मजबूत करने का योगदान दिया। कक्षा 1 से लेकर कक्षा 10वीं तक एमपी बोर्ड व सीबीएसई की तैयारी सभी विषयों की मैं स्वयं करवा रहा हूँ जिसमें नवाब, ताजुद्दीन का विशेष योगदान मिल रहा है।
एमपी पुलिस 2023 भर्ती तैयारी |
सुबह 6 बजे से 9 बजे तक जहां फाउण्डेशन की क्लासेस चल रही हैं जिसमें शिक्षा को महत्व दिया जा रहा है। इसमें बहुतायत ऐसे विद्यार्थी / छात्र-छात्राएं आ रहे हैं जिनके घर में शिक्षा को महत्व नहीं दिया गया था, अथवा जो अच्छी शिक्षा ग्रहण कर पाने में आर्थिक एवं अन्य वजहों से सक्षम नहीं रहे हैं, अथवा सक्षम हैं अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए आ रहे हैं। मुझे व्यक्तिगत रूप से कई ऐसे परिवारों से कहा गया कि उनके बच्चों को मैं पढ़ाऊँ बदले में एक बच्चे की औसत फीस 500 रूपये महीना है, मेरे पास ऐसे लगभग 30-40 बच्चों को पढ़ाने की बात कही गई, परन्तु मैंने नि:शुल्क शिक्षा देने पर ज़ोर दिया। क्योंकि प्रतिमाह कम से कम 500 रूपये की फीस 1 घण्टे देने वाले परिवार के पास बच्चों को पढ़ाने के लिए अन्य शिक्षक एवं विकल्प मौज़ूद थे, परन्तु जिन परिवार के पास बच्चों के स्कूल की फीस ही न दे पाने का सामर्थ्य हो, जो मज़बूरी में सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं, उन्हें यदि मैं अच्छी शिक्षा देता हूँ तो यही समाज के प्रति मेरा असली समर्पण एवं योगदान होगा। जिन छात्र-छात्राओं को मैं पढ़ा रहा हूँ और जो सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं उनमें से 99 प्रतिशत विद्यार्थियों का स्तर बेहद कमज़ोर रहा है, सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने उन बच्चों की एवं उनके भविष्य की परवाह नहीं किया, यह सोकर एवं कहते हुए मुझे बहुत दु:ख होता है। आज जहां फाउन्डेशन में विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों की संख्या करीब 60-70 है जिसमें उर्दू, हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, आदि विषयों की पढ़ाई कराई जा रही है। उर्दू डॉ. अन्सारी सर पढ़ा रहे हैं एवं कक्षा 9वीं में पढ़ने वाला दिलावर रज़ा भी उर्दू पढ़ाई में बच्चों का सहयोग प्रदान कर रहा है, वहीं अन्य विषयों को मैं पढ़ाता हूँ जिसमें मेरा सहयोग ताजुद्दीन, नवाब, एवं अन्य विद्यार्थियों का है।
एक दृश्य : जहां फाउण्डेशन देवसर |
अभिभावक सम्मेलन : जहां फाउण्डेशन देवसर |
जहां फाउण्डेशन देवसर में तकनीकि उपकरणों जैसे कम्प्यूटर आदि की कमी है, इस लिए आम लोगों से सहयोग की अपेक्षा की जाती रही है, इसके सम्बंध में अभिभावक सम्मेलन आदि भी किया गया, परन्तु मुझे लगता है कि सामाजिक कार्य में मदद हेतु ऑनलाईन अच्छे लोगों तक पहुँचा जा सकता है, इसलिए मेरी भी अपने पाठकों से अपेक्षा रहेगी कि जब कभी जहां फाउण्डेशन आपसे इस उत्तम सामाजिक कार्य के लिए सहयोग पाना चाहे तो आपका आशीर्वाद बना रहे।
ऑफिस का कार्य करने के बाद मैं शाम 6 बजे से 8 बजे दिलावर जोकि जहां फाउण्डेशन का ही विद्यार्थी है, के यहां पढ़ाता हूँ, साथ में दिलावर भी पढ़ाता है, यह दिलावर कोचिंग क्लासेस कक्षा 1 से 10 तक के लिए है।
दिलावर कोचिंग क्लासेस देवसर |
दिलावर कोचिंग देवसर : एक नज़ारा |
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