eDiplomaMCU: आह्वान और आवाहन में अन्‍तर जानिए

Translate to my Language

Monday, October 9, 2023

आह्वान और आवाहन में अन्‍तर जानिए

आपने कई बार सुना होगा कि किसी नेक काम के लिए कोई नेतृत्‍व अपने अनुयायियों का आवाहन करते हैं और आवाहन परिणामस्‍वरूप अनुगामी (followers) अपने नेतृत्‍वकर्ता की बात मानकर कोई कार्य को अंजाम देते हैं। असल में हिन्‍दू विधि - विधानों में हिन्‍दू देवी-देवताओं को भी बुलाने के लिए आवाहन किया जाता है। तो दोस्‍तों कहीं-कहीं आप आह्वान भी पढ़ते होंगे, तो आज इस लेख में हम जानने वाले हैं आखिर क्‍या अन्‍तर है आह्वान और आवाहन में। 

लोड हो रहा है...
आह्वान और आवाहन में अंतर

एक बात बताऊँ, ऊपर किया गया मेरा आवाहन का प्रयोग गलत है। अक्‍सर शासकीय पत्राचारों के साथ-साथ बड़े-बड़े मंच के विद्वान लोग भी अक्‍सर ऐसी सामान्‍य सी गलती कर बैठते हैं जिससे की वाक्‍य का सारा अर्थ ही बदल जाता है। क्‍या आप भी आह्वान और आवाहन का सही प्रयोग नहीं जानते हैं? तो चलिए आज सीख लेते हैं - 

आह्वान - जब हम किसी को पुकारते हैं, किसी को याद करते हैं, किसी को कुछ कहने के लिए अनुरोध करते हैं, उसे आह्वान कहते हैं। जैसे पुजारी-पण्डित और भक्‍तजन भक्ति-यज्ञ आदि के माध्‍यम से भगवान का आह्वान करते हैं, उन्‍हें याद करते हैं। जैसे मान लीजिए हमारे नेता जी हमें किसी काम के लिए अनुरोध करते हैं अथवा कहते हैं तो वह हम जनता का आह्वान कर रहे होते हैं। 

आवाहन - वाहन का मतलब तो आपको पता ही होगा कोई गाड़ी, घोड़ा या सवारी आदि जिसका प्रयोग एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर जाने के लिए किया जाता है। आवाहन का अर्थ है जब हम वाहन पर सवार हो जाते हैं। तो जब हमारी विनती के बाद भगवान/देवी-देवता हमारे सामने प्रकट होते हैं तो वे हमारी आह्वान पर आवाहन करते हैं। अर्थात् देवी-देवता आवाहन कर रहे हैं। जब आपके बुलाने पर कोई आपके बीच कसी साधन के माध्‍यम से आते हैं तो वह आवाहन करके आते हैं, वह आवाहन किसी कार, ट्रेन, बाईक, घोड़ा या पौराणिक किसी भी माध्‍यम से हो सकते हैं। 

उदाहरण के तौर पर यदि भगवान श्रीराम लंका पर चढ़ाई से पहले रामेश्‍वरम में भगवान शिव का आह्वान करके यज्ञ किया तो भगवान शिव ने बैल पर आवाहित होकर श्रीराम को दर्शन दिया। 

अंग्रेजी में आह्वान को Invocation, Call कह सकते हैं, जबकि आवाहन का मतलब riding on vehicle कहा जा सकता है।

No comments:

Post a Comment