मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 से कुछ दिन पूर्व ही चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा भेजी गई डीए प्रस्ताव फाईल को अनुमति नहीं दिया। दीवाली पर्व होने के साथ ही कर्मचारियों को महंगाई भत्ता बढ़ने की आस लगी हुई थी। आचार संहिता लगे होने और आगामी चुनाव के कारण निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा भेजे गये तात्कालीन प्रस्ताव को सहमति नहीं दिया।
म.प्र. कर्मचारी समाचार |
समाचार सूत्रों की माने तो मध्यप्रदेश शासन ने पुन: निर्वाचन आयोग के पास महंगाई भत्ता बढ़ाने के प्रस्ताव को भेजा है। साथ ही नईदुनिया समाचार के मुताबिक चुनाव आयोग के पदाधिकारियों से उनकी बात होने पर अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि चुनाव सम्पन्न होने के बाद आचार संहिता में भी चुनाव आयोग महंगाई भत्ता बढ़ाने के प्रस्ताव पर सहमति दे देगा। इस बात से स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ जाएगा जिससे वर्तमान दर 42 प्रतिशत डीए से बढ़कर 46 प्रतिशत डीए शासकीय कर्मचारियों को प्राप्त होगा।
समाचार के मुताबिक इसी हफ्ते चुनाव आयोग डीए बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूर कर लेगा जिससे सरकार भी इसी माह आदेश जारी कर देगी। फलत: सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता 46 प्रतिशत हो जाएगा, परन्तु यह देखने वाली बात रहेगी कि क्या कर्मचारियों को मिलने वाला यह महंगाई भत्ता 1 जुलाई 2023 के दिनांक से मिलकर पुराना डीए एरियर भी मिलेगा अथवा तात्कालीन प्रभाव से पुरानी पद्धति के तहत अगले माह से मिलना प्रारम्भ होगा। जैसा भी हो कर्मचारियों के खाते में नवम्बर के वेतन के साथ बढ़ा हुआ वेतन मिलने की पूरी सम्भावना है।
सरकार ने 1 जनवरी 2023 से 30 जून 2023 तक के महंगाई भत्ता के एरियर को माह अक्टूबर, नवम्बर व दिसम्बर के वेतन के साथ 3 समान किस्तों में देने का परिपत्र ज़ारी किया गया था, मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में तो उक्त एरियर के लिए बिल भी लगा दिया गया परन्तु कोषीय कारणों से उक्त एरियर कर्मचारियों को न मिल सका। संभावना व्यक्त की जा रही है कि अगले सप्ताह से उक्त एरियर भी कर्मचारियों को दे दिया जाए।
कर्मचारियों एवं कर्मचारी संगठनों में इस बात को लेकर काफी निराशा रही है कि दीवाली से पूर्व कर्मचारियों को न तो महंगाई भत्ता मिल पाया और न ही एरियर का पैसा। कर्मचारियों की अन्य बड़ी मॉंगें जैसे पुरानी पेंशन, आवास भत्ता, वेतन विसंगति आदि मामलों का भी हल सामने नहीं आ सका जिस वजह से कर्मचारियों की दीवाली इस वर्ष फीकी ही रही है।
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