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Monday, November 22, 2021

मध्‍यप्रदेश सरकार मंहगाई भत्‍ता फिर से बढ़ाने की तैयारी में - इस बार पेंशनर्स को मिलेगी सौगात

मध्‍यप्रदेश की शिवराज सरकार ने लाख मिन्‍नतों के बाद मध्‍यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का मंहगाई भत्‍ता 8 प्रतिशत बढ़ाते हुए 20 प्रतिशत कर दिया था। यह बात अलग है कि शिवराज सरकार ने अपने कर्मठ सरकारी कर्मचारियों के मेहनत का लाखों रूपये गबन कर दिया और जब मंहगाई भत्‍ता बढ़ाया भी तो सिर्फ 8 प्रतिशत, वह भी अक्‍टूबर 2021 से, मतलब कि पिछले 2 साल का सारा पैसा सरकार ने अपने कर्मचारियों के हक़ का गबन कर दिया। 
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म.प्र. पेंशनर मंहगाई भत्‍ता

जब शिवराज सरकार ने 8 प्रतिशत मंहगाई भत्‍ता बढ़ाने के आदेश दिए तो पेंशनर का कोई उल्‍लेख नहीं किया और इस प्रकार मध्‍यप्रदेश सरकार के पेंशनर भी सरकार से लगातार अपनी मांगों को लेकर खफ़ा दिख रहे थे। अब रिपोर्ट्स की मानें तो शिवराज सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों को 5 प्रतिशत बढ़ा हुआ मंहगाई भत्‍ता देने का फैसला लिया है और इसकी स्‍वीकृति के लिए छत्‍तीसगढ़ सरकार के पास प्रस्‍ताव भेज दिया है। 

छत्‍तीसगढ़ सरकार के पास प्रस्‍ताव क्‍यों- सन् 2000 से पूर्व रिटायर हुए समस्‍त मध्‍यप्रदेश या छत्‍तीसगढ़ के कर्मचारी, मध्‍यप्रदेश सरकार के ही कर्मचारी माने जाते हैं। क्‍योंकि छत्‍तीसगढ़ मध्‍यप्रदेश से सन् 2000 में ही अलग हुआ था। मध्‍यप्रदेश सरकार में कार्यरत कई कर्मचारियों को छत्‍तीगढ़ सरकार के लिए भेज दिया गया परन्‍तु कई मुद्दों पर यह कर्मचारी दोनों सरकारों पर निर्भर हैं। जैसा कि यदि इन सरकारी कर्मचारियों को पेंशन देना हो या कोई अन्‍य वित्‍तीय लाभ जो अधिवार्षिकी आयु पूर्ण होने पर मिलना है तो इसका 74 प्रतिशत मध्‍यप्रदेश की सरकार एवं 26 प्रतिशत छत्‍तीसगढ़ की सरकार भुगतान करती है। यही वजह है कि मध्‍यप्रदेश की शिवराज सरकार अपने सरकारी कर्मचारी पेंशनर का मंहगाई भत्‍ता बढ़ाने से पूर्व छत्‍तीसगढ़ सरकार के पास प्रस्‍ताव भेज रही है। 


आखिर 5 प्रतिशत क्‍यों, 8 प्रतिशत क्‍यों नहीं- असल में छत्‍तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी अभी भी सिर्फ 17 प्रतिशत मंहगाई भत्‍ता प्राप्‍त कर रहे हैं जोकि मध्‍यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों से 3 प्रतिशत कम है। यही वजह है कि मध्‍यप्रदेश की सरकार सिर्फ 5 प्रतिशत मंहगाई भत्‍ता बढ़ाने का प्रस्‍ताव भेज रही है ताकि मध्‍यप्रदेश के पेंशनर्स को 12 प्रतिशत से बढ़कर 17 प्रतिशत मंहगाई भत्‍ता मिले, छत्‍तीसगढ़ को भी पेंशन का 26 प्रतिशत अंशदान करना होगा, यही वजह है कि दोनों सरकारों की सहमति होना ज़रूरी है। 


कब से मिलेगा मंहगाई भत्‍ता - मध्‍यप्रदेश के पेंशनर भी नियमित कर्मचारियों की भांति माह अक्‍टूबर 2021 से ही बढ़ा हुआ मंहगाई भत्‍ता प्राप्‍त करेंगे। एरियर आदि का कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। 

पेंशनर के साथ भेदभाव क्‍यों- इसका जबाव अनुभवी पेंशनर से बेहतर किसी को नहीं पता। केन्‍द्र सरकार 31 प्रतिशत मंहगाई भत्‍ता दे रही है, और भी कई राज्‍य सरकारें हैं जो कि केन्‍द्र के ही समान बेहतर मंहगाई भत्‍ता, आवास भत्‍ता आदि दे रहे हैं। मध्‍यप्रदेश में तहसील में पदस्‍थ एक लिपिक को रूपये 227/- आवास भत्‍ता मासिक मिलता है, मतलब आज़ादी के समय के हिसाब से घर का किराया दिया जा रहा है। सरकार का रवैया अपने छोटे कर्मचारियों के साथ बन्‍धुआ मज़दूर जैसा रहता है। मध्‍यप्रदेश सरकार के लिपिक कर्मचारियों की वेतन विसंगति भी एक बड़ा मुद्दा है, मेहनतकश लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के साथ सरकार ने सौतेला व्‍यवहार किया है। कभी यही लिपिक वर्गीय कर्मचारी अन्‍य संवर्गों से कहीं अधित वेतन पाया करते थे, परन्‍तु आज इनके हालात किसी चपरासी से भी बदतर हैं। कुल मिलाकर सरकार पर टिप्‍पणी करना कि वह ऐसा क्‍यों कर रही है, नाइंसाफी होगी क्‍योंकि मध्‍यप्रदेश सरकार में कार्यरत लिपिकीय स्‍तर का कर्मचारी शोषण का शिकार रहा है, और वह इस प्रकार के भेदभाव से हतप्रभ दुखी है। 


कब बढ़ेगा मध्‍यप्रदेश सरकारी कर्मचारियों का मंहगाई भत्‍ता एवं आवास भत्‍ता व कब होगी मध्‍यप्रदेश के लिपिक वर्गीय सरकारी कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर- भगवान जाने। मध्‍यप्रदेश में अधिकारी-कर्मचारी संयुक्‍त मोर्चा व लिपिक सरकारी संगठन बेहद कमज़ोर है। संयुक्‍त मोर्चा ने 21 नवम्‍बर को प्रदेशव्‍यापी हड़ताल की बात कही थी, परन्‍तु कोई चिडि़या तक न उड़ी। यह सब हवा में बातें हैं। यदि शिवराज सरकार ने चाहा तो ही लिपिक वेतन विसंगति दूर होगी एवं मंहगाई भत्‍ता, आवास भत्‍ता आदि बढ़ेगा अन्‍यथा कुछ नहीं होने वाला। आज मध्‍यप्रदेश सरकार में एवं अन्‍य राज्‍यों में कार्यरत लिपिक कर्मचारियों के वेतन में अन्‍तर देखा जाए तो साफ दिखेगा कि अन्‍य राज्‍यों एवं केन्‍द्र का समान पद वाला कर्मचारी लगभग दोगुना वेतन पा रहा है।  



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