नेशनल लोक अदालत क्या है? न्यायालयीन प्रकरणों को पक्षकार एवं प्रति-पक्षकार के आपसी सहमत से विवाद को सुलझाने का एक कार्यक्रम है। राष्ट्रीय लोक अदालत में गम्भीर मामलों को नहीं रखा जाता है। मोटर दुर्घटना दावा, पारिवारिक, श्रम, विद्युत चोरी एवं विद्युत विभाग, चेक बाउंस, दूरभाष आदि के प्रकरण का निराकरण आपसी सुलह एवं समझौते के आधार पर किया जाता है। सन् 1982 में पहली बार लोक अदालत का आयोजन गुजरात में किया गया।
नेशनल लोक अदालत |
नेशनल लोक अदालत का आयोजन- सामान्तया प्रत्येक 3 महीने में एक बार नेशनल लोक अदालत का आयोजन न्यायालय परिसर में किया जाता है। विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायालयों में लोक अदालत संचालन के साथ-साथ विधिक सहायता भी प्रदान करता है। लोक अदालत के आयोजन से पूर्व न्यायालय उभय पक्षों को अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर देता है एवं प्रकरण प्रकृति को ध्यानगत रखते हुए नेशनल लोक अदालत हेतु भेजता है।
लोक अदालत के लाभ- पक्षकारों के मध्य आपसी सद्भाव, शत्रुता खत्म । समय, धन व श्रम की बचत । न्यायालयों में लंबित प्रकरण का जल्द निपटारा । आदेश/अवार्ड की नि:शुल्क प्रति तुरन्त । लोक अदालत का लाभ तत्काल । निर्णय के विरूद्ध कोई अपील नहीं । सिविल मामलों के निराकरण में नियमानुसार न्यायालय फीस लौटाई जाती है।
No comments:
Post a Comment