eDiplomaMCU: उत्‍तर भारत की लिंक भाषा अब हिन्‍दी, क्‍या राष्‍ट्रीय भाषा की तरफ जा रही प्‍यारी हिन्‍दी?

Translate to my Language

Saturday, June 3, 2023

उत्‍तर भारत की लिंक भाषा अब हिन्‍दी, क्‍या राष्‍ट्रीय भाषा की तरफ जा रही प्‍यारी हिन्‍दी?

हिन्‍दी की लोकप्रियता आए दिन बढ़ती ही जा रही है। भारत में हिन्‍दी को राष्‍ट्रीय भाषा बनाने की लड़ाई बहुत पुरानी है परन्‍तु अब यह प्रयास सार्थक साबित हो रहा है। वर्तमान भारत देश का नक्‍शा यदि देखा जाए तो स्‍पष्‍ट है कि इन राज्‍यों का बँटवारा मुख्‍यतया भाषायी संस्‍कृति के आधार पर हुआ है। भारत के वर्तमान प्रान्‍त इतिहास में गुलामी एवं दासता से होकर गुजरे हैं, चाहे वह मुगल काल रहा हो अथवा ब्रिटिश काल। मुख्‍यतया उत्‍तर भारत में मुगल शासन अधिक रहा और हिन्‍दी जो असल में उर्दू की बहन भाषा है, बहुत तेजी से फूली-फली। 

उत्‍तर भारत के लगभग सभी प्रांत के लोगों के द्वारा अब हिन्‍दी समझी जाने लगी है। दक्षिण भारत के भी उन इलाकों में हिन्‍दी अच्‍छी खासी समझी जा रही है जहॉं पर मुस्लिम जनजंख्‍या है। दक्षिण भारत में उर्दू का प्रचार-प्रसार मुख्‍यतया मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा हुआ, दूसरी तरफ हिन्‍दी लगभग उर्दू जैसी ही बोली जाती है इसलिए हिन्‍दी एवं उर्दू का विकास साथ-साथ हुआ। वहीं पर पूर्वोत्‍तर भारत के राज्‍यों को देखा जाए तो हिन्‍दी अब आम बोलचाल की भाषा बनती जा रही है। असम, मेघालय, अरूणांचल, त्रिपुरा आदि राज्‍यों में भी हिन्‍दी आम बोलचाल में प्रयोग की जाने लगी है। यहॉं तक कि बंगाल एवं उड़ीसा में भी हिन्‍दी का प्रचार-प्रसार तेजी से हुआ है। 

उत्‍तर भारत के अधिकांश राज्‍यों की आधिकारिक भाषा हिन्‍दी ही है। हरियाणा, हिमाचल, उत्‍तराखण्‍ड, दिल्‍ली, चण्‍डीगढ़, उत्‍तरप्रदेश, बिहार, झारखण्‍ड, मध्‍यप्रदेश, छत्‍तीसगढ़ एवं राजस्‍थान की राजभाषा हिन्‍दी है। अर्थात् इन राज्‍यों के लगभग शतप्रतिशत लोगों द्वारा हिन्‍दी समझी जाती है। दूसरी तरफ ऐसे भी राज्‍य हैं जहॉं हिन्‍दी का प्रमुखतया से प्रयोग हो रहा है भले ही हिन्‍दी वहॉं की मुख्‍य राजभाषा न हो, जैसे गुजरात, पंजाब, जम्‍मू कश्‍मीर, लद्दाख, पश्चिम बंगाल एवं पूर्वोत्‍तर के राज्‍य, साथ-ही-साथ दक्षिण भारत में भी महाराष्‍ट्र, तेलंगाना, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, गोवा, केरल व तमिलनाडु में भी हिन्‍दी अच्‍छी - खासी समझी जाती है। जैसा पूर्व में ही मैंने कहा कि जिन क्षेत्रों में उर्दू का दबदबा मुस्लिम समुदाय की वजह से है वहॉं हिन्‍दी का प्रचार-प्रसार स्‍वयं से हो रहा है, क्‍योंकि उर्दू एवं हिन्‍दी एक दूसरे के पर्याय जैसे हैं। 

हिन्‍दी के प्रचार-प्रसार में बॉलीवुड एवं हिन्‍दी सिनेमा का बहुत बड़ा योगदान रहा है। ऐतिहासिक रूप में देखा जाए तो हिन्‍दी ही भारतीय स्‍वतंत्रता संग्राम की लिंक भाषा बनी थी, क्‍योंकि अधिकांशत: लड़ाइयॉं अथवा विदेशी ताक़तों का विरोध उत्‍तर भारत में ही हुआ। प्रथम स्‍वतंत्रता संग्राम की बात हो अथवा कोई भी आन्‍दोलन, उसका मुख्‍य केन्‍द्र उत्‍तर भारत ही रहा है। महात्‍मा गॉंधी से लेकर बड़े-बड़े क्रांतिकारियों ने भी हिन्‍दी को ही क्रांति की भाषा माना था। स्‍वतंत्रता के बाद भारत के संविधान सभा द्वारा हिन्‍दी को राजभाषा (साथ ही अंग्रेजी) के रूप में अपनाया गया। बात तो चली थी कि हिन्‍दी को राष्‍ट्र भाषा का दर्जा दे दिया जाए, परन्‍तु सम्‍पूर्ण राष्‍ट्र में हिन्‍दी के प्रति उतनी समझ नहीं थी और यह हिन्‍दी थोपने जैसा था जिसका विरोध मुख्‍यतया दक्षिण भारत (तमिलनाडु खासकर) में हुआ। स्‍वतंत्रता बाद भारतीय संविधान में भी हिन्‍दी को महत्‍वपूर्ण स्‍थान दिया गया तथा हिन्‍दी के प्रचार-प्रसार की बात भी की गई। इसका ध्‍यान लगभग सभी बार की सरकारों ने रखा, भारत सरकार ने हिन्‍दी प्रचार-प्रसार को ध्‍यान में रखते हुए कई सारे सार्थक प्रयास किये। हिन्‍दी को बढ़ावा देने एवं प्रोत्‍साहित करने हिन्‍दी अकादमी ने भी अच्‍छा खासा योगदान दिया। 

अब समय ऐसा आ चुका है कि उत्‍तर भारत से लेकर दक्षिण के कुछ राज्‍यों में हिन्‍दी को लगभग प्रत्‍येक इंसान समझ रहा है। कुछ समय पूर्व जो लिंक भाषा को लेकर विवाद चल रहा था कि हिन्‍दी लिंक भाषा के रूप में हो अथवा अंग्रेजी अथवा कोई अन्‍य भारतीय भाषा, तो वृहद क्षेत्र को देखते हुए हिन्‍दी अथवा अंग्रेजी को ही लिंक भाषा के रूप में स्‍वीकार करने की बात आई। व्‍यवहारिता देखा जाए तो आजकल अंग्रेजी ही लिंक भाषा का स्‍थान ली है, परन्‍तु उत्‍तर भारत में हिन्‍दी को लिंक भाषा के रूप में दर्जा प्राप्‍त हो चुका है। यदि हिन्‍दी का उन्‍नयन इसी प्रकार चलता रहे तो बहुत जल्‍द हिन्‍दी को सम्‍पर्ण भारत की लिंक भाषा के रूप में देखा जा सकेगा। सम्‍पूर्ण भारत की हिन्‍दी के प्रति झुकाव को देखते हुए यह भी कहा जा सकता है कि बहुत जल्‍द हिन्‍दी भारत की राष्‍ट्र भाषा होगी। 

हिन्‍दी की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अंतराष्‍ट्रीय कम्‍पनियॉं एवं बड़े-बड़े भी आज कल विज्ञापन के लिए हिन्‍दी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। हिन्‍दी की लोकप्रियता न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में भी बढ़ रही है। यह सफलता विदेशों में रह रहे हिन्‍दी भाषी लोगों की वजह से ही सम्‍भव हो पाया है। हिन्‍दी को राष्‍ट्रभाषा बनने का अधिकार इसलिए भी है क्‍योंकि हिन्‍दी सचमुच एक मातृरूपी भाषा है तो अन्‍य भाषाओं के शब्‍दों को भी आधिकारिक तौर पर ग्रहण कर लेती है। राजभाषा अधिनियम के तहत आधिकारिक तौर पर भी कहा गया है कि सरकारी कामकाजों में भी हिन्‍दी के इतर अन्‍य भाषाओं जैसे अंग्रेजी, संस्‍कृत आदि के शब्‍दों का प्रयोग करना भी उचित है। 

इसीलिए तो हिन्‍दी प्‍यारी हिन्‍दी है। यह आमजन के दिल की भाषा है जिसका दिल बड़ा है। 

No comments:

Post a Comment