पूर्णांक का शाब्दिक अर्थ है पूर्ण शब्द, यह फर्क नहीं कि यह एक धनात्मक संख्या है अथवा एक ऋणात्मक संख्या। पूर्णांक को अंग्रेजी में इंजीजर (integer) कहते हैं जो एक लैटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है Whole Number (पूर्ण संख्या). दरअसल जब मैं स्कूल के छात्रों को पढ़ा रहा था तो मैंने देखा कि कई विद्यार्थियों को परिमेय संख्याओं अथवा पूर्णांक आदि के बारे में साधारण जानकारी का अभाव है, तो दूसरी तरफ ऐसे भी कई सारे छात्र रहे हैं जिन्हें पूर्ण संख्या, प्राकृत संख्या अथवा पूर्णांक के साथ - साथ परिमेय / अपरिमेय संख्या के परिभाषा के बारे में पता था, परन्तु असल में इनके मायने क्या हैं, यह पता नहीं था।
आज इस लेख में हम पूर्णांक और परिमेय संख्याओं के बारे में साधारण शब्दों में अध्ययन करेंगे। इस लेख में आप जान पाएंगे कि पूर्णांक और परिमेय संख्याएं किस प्रकार से एक दूसरे से भिन्न हैं। पूर्णांक समझने से पहले हम प्राकृत संख्याओं और पूर्ण संख्याओं को भी समझ लेंगे। हालांकि कुछ गणितज्ञ पूर्ण संख्या को प्राकृत संख्या ही मानना पसंद करते हैं अथवा पूर्ण संख्या अथवा प्राकृत संख्या में अंतर का मायना नगण्य होने पर बल देते हैं।
प्राकृत संख्या (Natural Numbers) - ऐसी संख्याएं जो गणना के लिए प्रयुक्त की जाती हैं। यह साधारण तौर पर 1,2,3,4 ..... अनंत आदि संख्याएं होती हैं, जो वस्तुओं के गणना के लिए प्रयुक्त की जाती हैं। जैसे - 2 पेन, 4 पेन, 6 आलमारी, 4 मोबाईल फोन आदि।
पूर्ण संख्या (Whole Numbers) - प्राकृत संख्याओं में 0 को भी यदि शामिल कर लिया जाए तो वह पूर्ण संख्या बन जाती है। कुछ गणितज्ञ पूर्ण संख्या को प्राकृत संख्या का ही भाग मानते हैं क्योंकि प्राकृत संख्या में 0 (शून्य) को यदि शामिल कर लिया जाए तो यह पूर्ण संख्या बन जाती है।
पूर्णांक (Integers) - संख्या रेखा का अध्ययन करने पर हम प्राकृत संख्याओं के विपरीत ऋणात्मक संख्याएं भी प्राप्त करते हैं। ऋणात्मक संख्याओं, शून्य (0) और धनात्मक प्राकृत संख्याओं को एक साथ हम पूर्णांक के दायरे में रखते हैं। ध्यान देने योग्य बात है कि पूर्णांक/पूर्ण संख्या/प्राकृत संख्या का पूर्ण संख्या (अर्थात् दशमलव न हो) होना आवश्यक है। पूर्णांक - -1, -2, -3, .... , 0, 1, 2, 3 आदि। ध्यान रहे कि दशमलव में आने वाली संख्याएं पूर्ण संख्या नहीं होती हैं, अत: ये संख्याएं पूर्णांक नहीं होती हैं।
संख्या रेखा का अध्ययन |
परिमेय संख्याएं (Rational Numbers) - ऐसी संख्याएं/अंक जिन्हें अंश / हर के रूप में लिखा जा सके और जहां हर का मान 0 न हो, परिमेय संख्याएं कहताली हैं। इसमें दशमलव संख्याएं भी आती हैं जो दशमलव के बाद किसी स्थान पर जाकर शांत हो जाए। जैसे 3.5 भी एक परिमेय संख्या है जिसे 35/10 के रूप में लिखा जा सकता है। दूसरी तरफ 3.5 को संख्या रेखा पर एक निश्चित बिन्दु पर निर्धारित किया जा सकता है।
अपरिमेय संख्याएं (Irrational Numbers) - ऐसी संख्याएं जिन्हें अंश / हर के रूप में न लिखा जा सके, दूसरे शब्दों में जिसका मान संख्या रेखा में निश्चित बिन्दु पर प्रदर्शित नहीं किया जा सके, अपरिमेय संख्याएं कहलाती हैं। अभाज्य संख्याओं के वर्गमूल का अध्ययन करने पर पाया गया कि उनका मान दशमलव के बाद किसी भी निश्चित स्थान पर शांत न होकर आगे बढ़ता रहता है (जैसे - 1.7345246332433234 .............. ) , इसलिए √अभाज्य संख्याएं अपरिमेय होती हैं।
साधारण शब्दों में कहें तो परिमेय संख्याएं वह संख्याएं होती हैं जिनका निरूपण संख्या रेखा पर सटीक किया जा सके, वहीं अपरिमेय संख्याएं वह संख्याएं होती हैं जिनका निरूपण संख्या रेखा पर सटीक बिन्दु पर न किया जा सके।
उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा। हम इसी तरह के महत्वूर्ण लेख लाते रहेंगे, आप हमारे साथ बने रहिएगा।
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