eDiplomaMCU: मध्‍यप्रदेश शासकीय कर्मचारियों द्वारा आयोजित हड़ताल, धरना एवं सामूहिक अवकाश पर म.प्र. शासन के नियम व नीति

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Saturday, November 13, 2021

मध्‍यप्रदेश शासकीय कर्मचारियों द्वारा आयोजित हड़ताल, धरना एवं सामूहिक अवकाश पर म.प्र. शासन के नियम व नीति

वर्कर्स अथवा कर्मचारियों का नियोक्‍ता से हमेशा से कुछ मांगों पर मतभेद रहा है। नौकरी देने वाली संस्‍था अथवा नियोक्‍ता का प्रयास हमेशा यही रहता है कि अपने कर्मचारियों को कम से कम वेतन पर रखा जा सके परन्‍तु तरह-तरह की सुविधाएं अपने कर्मचारियों को देने का नैतिक दबाव भी होता है। वर्कर्स की एकता ही नियोक्‍ता से अपनी मांगों को पूरा कराने का एक अचूक तरीका है। आप आये दिन बैंक कर्मचारियों, बिजली कर्मचारियों, आउटसोर्स कर्मचारियों आदि के हड़ताल के बारे में सुनते होगें, इसी प्रकार मध्‍यप्रदेश शासन के तहत काम करने वाले सरकारी कर्मचारी भी अपनी मांगों को मनवाने के लिए हड़ताल एवं धरना का सहारा लिया करते हैं। 

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व्‍यापम ग्रुप-4, सहायक ग्रेड-3 परीक्षा 2018 की भर्ती की यह तस्‍वीर है, 
मैं श्‍यामला हिल्‍स भोपाल में चयनित उम्‍मीदवारों की तरफ से हड़ताल
में भाग ले रहा था, फोटो में नानूराम डावर मेरा दोस्‍त है, फोटो मेरे द्वारा लिया गया 

हड़ताल आयोजित करना अथवा उसमें शामिल होना किसी भी सरकारी कर्मचारी के लिए शासन की नज़र में अच्‍छा कदम नहीं है। किसी भी हड़ताल, धरना आदि प्रयोजित करने के लिए कर्मचारियों को शासन की नीतियों का ध्‍यान रखना आवश्‍यक होता है अन्‍यथा शासन नीति व नियमों का हवाला देते हुए संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही कर सकती है। वैसे किसी भी सरकार अपने कर्मचारियों के खिलाफ कोई भी कदम लेने से पहले कई बातों का ध्‍यान रखना होता है, क्‍यों यही कर्मचारी सरकार को उसकी वास्‍तविक ताकत का एहसास कराते हैं। 


इस लेख में हम मध्‍यप्रदेश सरकार में होने वाले हड़ताल, धरना व सामूहिक अवकाश के नियमों के बारे में बात करने वाले हैं, वैसे आप देख ही रहे हैं कि किस प्रकार मध्‍यप्रदेश में सकारी कर्मचारी आये दिन कई मांगों को लेकर (जैसे- मंहगाई भत्‍ता, लिपिक वेतन विसंगति, आदि) सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल आयोजित किया करते हैं। वैसे हर-एक शासकीय कर्मचारी ऐसी हड़ताल को समर्थन करता है क्‍योंकि ये हड़ताल उन शासकीय कर्मचारियों के हित में होते हैं। सरकार यह बात जानती है कि सरकारी कर्मचारी व विभागाध्‍यक्ष सभी मिलजुल हड़ताल को अन्‍जाम देते हैं, फिर भी कुछ नियम व शर्तें हैं जो आप सबको जानना बहुत आवश्‍यक है। 

शासकीय कर्मचारियों द्वारा आयोजित हड़ताल, धरना तथा सामूहिक अवकाश आदि पर कार्यवाही- शासकीय सेवकों द्वारा आयोजित हड़ताल तथा सामूहिक अवकाश के संबंध में समय-समय पर निर्देश जारी किये गये हैं। परन्‍तु संबंधित विभागों/कार्यालयों द्वारा न तो इन निर्देशों का पालन किया जा रहा है एवं न ही इस तरह के अवसरों पर अनुपस्थित कर्मचारियों/अधिकारियों की जानकारी समय से शासन को भेजी जाती है। अब यह सुनिश्चित किया जावे कि ऐसे अवसरों पर सभी प्रमुख सचिव/सचिव, विभागाध्‍यक्ष, संभागीय आयुक्‍त एवं कलेक्‍टर अनिवार्य रूप से कार्यालय में उपस्थित रहें। ऐसे शासन ने निर्देश जारी किये हैं। शासन ने यह भी निर्देशित किया है कि- 

भविष्‍य में इस संबंध में निम्‍नानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जावे:- 

1. सामूहिक अवकाश/हड़ताल के दौरान जो कर्मचारी/अधिकारी कार्यालय आना चाहते हैं, उन्‍हें पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जावे एवं यह सुनिश्चित किया जावे कि ऐसे इच्‍छुक अधिकारी/कर्मचारियों को सामूहिक अवकाश लेने/हड़ताल पर जाने के लिए अन्‍य अधिकारी/कर्मचारी द्वारा बाध्‍य नहीं किया जावे। इस संबंध में पूर्ण सतर्कता बरती जाकर ऐसे किसी भी प्रयास को अत्‍यंत गम्‍भीरता से लिया जावे। 

2. शासकीय सेवकों के हड़ताल, धरना तथा सामूहिक अवकाश के कृत्‍य म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के अनुसार कदाचरण की श्रेणी में आते हैं। इस प्रकार की अनुशासनहीनता करने वालों पर गुणदोषों के आधार पर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जानी चाहिए। अनुशासनिक कार्यवाही समाप्‍त करने के अधिकार विभागाध्‍यक्ष को होंगे। 


3. बिना पूर्व अनुमति के सामूहिक अवकाश पर जाने अथवा हड़ताल में भाग लेने की दशा में अनधिकृृत अनुपस्थिति के दिवसों तथा हड़ताल का वेतन देय नहीं होगा एवं न ही इस प्रकार की अनुपस्थिति के दिवसों का अवकाश स्‍वीकृत किया जायेगा। इस अवधि का वेतन काटने का दायित्‍व कार्यालय प्रमुख एवं आहरण एवं संवितरण अधिकारी का होगा। 

4. हड़ताल, धरना तथा सामूहिक अवकाश की अवधि को ब्रेक इन सर्विस मानने, अवैतनिक/असाधारण अवकाश एवं अन्‍य किसी किस्‍म की छूट/ढील स्‍वीकार करने के संबंध में सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा निर्णय लिया जावेगा। 

5. प्रत्‍येक सामूहिक अवकाश/हड़ताल वाले दिवस पर समस्‍त विभागाध्‍यक्षों का यह दायित्‍व होगा कि विभागाध्‍यक्ष कार्यालय की जानकारी संलग्‍न प्रारूप में उनके विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव का अनिवार्य रूप से दोपहर 12.00 बजे तक प्रेषित कर दी जाए।

6. विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव का यह दायित्‍व होगा कि वे मंत्रालय स्थित अपने विभाग की एवं उनके अधीनस्‍थ समस्‍त विभागाध्‍यक्ष कार्यालयों की जानकारी प्रत्‍येक सामूहिक अवकाश/हड़ताल वाले दिवस पर संलग्‍न प्रारूप अनुसार दोपहर 2.00 बजे तक सामान्‍य प्रशासन विभाग को उपलब्‍ध करायेंगे। 

7. समस्‍त कलेक्‍टर जिले के समस्‍त कार्यालयों की एकजई जानकारी (केवल एक प्रारूप में) दोपहर 12.00 बजे तक संकलित प्रारूप अनुसार संभागीय आयुक्‍त को अनिवार्य रूप से उपलब्‍ध करायेंगे। 

8. समस्‍त संभागायुक्‍त अपने संभाग एवं संभाग के जिलों की जानकारी हड़ताल/सामूहिक अवकाश के दिवस पर दोपहर 2.00 बजे तक अनिवार्य रूप से दूरभाष एवं फैक्‍स/ई-मेल पर संलग्‍न प्रारूप अनुसार सामान्‍य प्रशासन विभाग को उपलब्‍ध करायेंगे। 

9. मंत्रालय स्थित स्‍थापना शाखा-7(1) द्वारा प्रत्‍येक सामूहिक अवकाश/हड़ताल वाले दिवस पर मंत्रालय के सभी कर्मचारियों की संलग्‍न प्रारूप में जानकारी संकलित कर शाखा-3 को दोपहर 2.00 बजे तक उपलब्‍ध कराई जावेगी। 


प्रारूप 

सामूहिक अवकाश/हड़ताल में भाग लेने वाले कर्मचारियों/अधिकारियों की जानकारी-  

विभाग/विभागाध्‍यक्ष/जिला कार्यालय (कलेक्‍टर) का नाम................     स्थिति दिनांक ............ 

अनु.
 क्र.
कुल संख्‍यासामूहिक
अवकाश/
हड़ताल में
सम्मिलित
की संख्‍या
पूर्व से
अवकाश या
अन्‍य कारणों
से अनुपस्थित
की संख्‍या
उपस्थित
की संख्‍या
रिमार्क
(1)(2)(3)(4)(5)(6)
1.प्रथम श्रेणी

2.द्वितीय श्रेणी

3.तृतीय श्रेणी

4.चतुर्थ श्रेणी

5.योग


प्रमुख सचिव/सचिव/विभागाध्‍यक्ष/

आयुक्‍त/कलेक्‍टर के हस्‍ताक्षर


उम्‍मीद है दोस्‍तों कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। आप अब बेझिझक किसी भी जायज़ मांग में हड़ताल, धरना व सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन कर सकते हैं। ऐसे ही ज्ञानवर्धन और लेख पढ़ने के लिए आप हमारे साथ बने रहियेगा। 



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