eDiplomaMCU: पुरानी पेंशन का एनपीएस फण्‍ड से नहीं है कोई सम्‍बंध : राज्‍य सरकारें पुरानी पेंशन लागू करने के लिए हैं स्‍वतंत्र

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Monday, May 23, 2022

पुरानी पेंशन का एनपीएस फण्‍ड से नहीं है कोई सम्‍बंध : राज्‍य सरकारें पुरानी पेंशन लागू करने के लिए हैं स्‍वतंत्र

राजस्‍थान सरकार ने सबसे पहले पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का कदम उठाया, उसके बाद हाल ही में राजस्‍थान की केबिनेट ने भी पुरानी पेंशन बहाली को मंजूरी दे दी। ख़बरें कुछ ऐसी भी उठ रही हैं कि यदि राज्‍य सरकार को कर्मचारियों के खाते में कटा एनपीएस (नई पेंशन योजना) का फण्‍ड समय पर नहीं मिला तो राज्‍य सरकारें चाहकर भी पेंशन नहीं दे सकतीं। दूसरी तरफ ऐसी ख़बर भी चल रही है कि कुछ राज्‍य सरकारें इसलिए पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं कर पा रहीं क्‍योंकि केन्‍द्र सरकार से फण्‍ड एलोकेशन नहीं होगा जिसमें पीएफआरडीए द्वारा प्रबंधित एनपीएस फण्‍ड भी है। 

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एनपीएस फण्‍ड का पुरानी पेंशन से नहीं है सम्‍बंध  

हाल ही में छत्‍तीसगढ़ की सरकार ने पीएफआरडीए को पत्र लिखकर अपने कर्मचारियों के फण्‍ड का हिस्‍सा मॉंगा है ताकि कर्मचारियों के एनपीएस कटौती में काटा गया यह हिस्‍सा जीपीएफ (सामान्‍य भविष्‍य निधि) में जमा करा दिया जाए। कुछ अफवाहों के चलते कर्मचारियों में निराशा की भावना भी आ जाती है कि क्‍या राज्‍य सरकारें पीएफआरडीए जोकि एक केन्‍द्रीकृत एजेंसी के चलते पुरानी पेंशन योजना बहाल न कर सकें। तो ऐसा बिलकुल भी नहीं है। पुरानी पेंशन योजना बहाल न करने के लिए राज्‍य सरकारें एनपीएस में ही कई तरह के अपडेट जैसे कि मार्स प्‍लान आदि लाने की बात कर रही हैं, परन्‍तु यदि राज्‍य सरकारें चाहें तो पुरानी पेंशन योजना को बिना किसी अन्‍य राज्‍य, एजेन्‍सी अथवा केन्‍द्र की सहमति के लागू करा सकती हैं, जैसा कि हाल ही में राजस्‍थान और छत्‍तीसगढ़ की सरकारों ने किया है। 


एनपीएस फण्‍ड ही आपका जीपीएफ फण्‍ड होगा - पुरानी पेंशन के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारी जब रिटायर हुआ करते हैं तो उनके पास रिटायमेंट के वक्‍़त जीपीएफ का काफी सारा पैसा होता है। यह जीपीएफ का पैसा कर्मचारियों के वेतन से उनके इच्‍छानुसार कटता है और पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेन्‍ट फण्‍ड) की तरह एक शानदार रिटर्न देता है। वर्तमान में जीपीएफ (सामान्‍य भविष्‍य निधि) पर ब्‍याज दर 7.1 प्रतिशत है। एनपीएस का जो भी पैसा कर्मचारियों के वेतन से कटा है वह ब्‍याज समेत जीपीएफ अकाउण्‍ट में ट्रान्‍सफर कर दिया जाएगा। तो यदि हम मान भी लें कि सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल कर दिया है, तो जीपीएफ का एकमुश्‍त पैसा कर्मचारी इसलिए प्राप्‍त नहीं कर सकता क्‍योंकि पीएफआरडीए ने वह पैसा लटका रखा है, परन्‍तु पुरानी पेंशन अपने कर्मचारियों को वह सम्‍बंधित राज्‍य प्रदान करेगा जिसके लिए वह कर्मचारी काम कर रहा है। मतलब साफ है कि पुरानी पेंशन का एनपीएस फण्‍ड से कोई लेना देना नहीं है। एनपीएस फण्‍ड कर्मचारियों के सामान्‍य भविष्‍य निधि में जमा होने वाला ही फण्‍ड है, यदि वह सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू करती है। 

प्राय: अभी तक हमने देख ही लिया है कि विभिन्‍न राज्‍यों के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना बहाली के लिए लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं, परन्‍तु सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को कर्मचारी हित में नहीं बताया, बल्कि कहा कि उनको अधिक लाभ नई पेंशन योजना में ही है। कर्मचा‍री सरकार के द्वारा सभी दमन नीतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ते जा रहे हैं और इसे विपक्षी दल का समर्थन भी खूूब मिल रहा है। अब पुरानी पेंशन योजना बहाली चुनावी मुद्दा बन चुका है, जबकि देखने वाली बात होगी कि क्‍या हिमाचल प्रदेश और गुजरात में इसी साल 2022 के अन्‍त में पुरानी पेंशन योजना लागू देखने को मिलती है और बाद में 2023 में मध्‍यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मध्‍यप्रदेश की शिवराज सरकार पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दे। 


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