सरकारी कर्मचारियों को बढ़ रही महंगाई से लड़ने के लिए उनके मूल वेतन के अनुरूप महंगाई भत्ता दिया जाता है। पुरानी पेंशन योजना के अन्तर्गत आ रहे शासकीय पेंशनर्स को भी महंगाई भत्ता प्रदान किया जाता है जिसे महंगाई राहत कहते हैं। नियमानुसार पेंशनर्स के मूल वेतन जो कि पेंशन के रूप में रिटायरमेंट के समय के वेतन का लगभग आधा होता है, पर महंगाई राहत प्रदान किया जाता है। भारत की केन्द्र सरकार एवं कुछ राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों को कुछ अन्य भत्ते जैसे ट्रांसपोर्ट अलाउंंस, पेट्रोल अलाउंस आदि भी प्रदान करते हैं, तो दूसरी तरफ अधिकांशत: मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले मूल वेतन के अलावा सिर्फ महंगाई भत्ता एवं आवास भत्ता मिलता है। आवास भत्ता की बात करें तो यह न के बराबर मिलता है जो अभी 6वें वेतन आयोग के अनुसार मिल रहा है, तो दूसरी ओर महंगाई भत्ता मिलता तो है परन्तु उपभोक्ता सूचकांक के अनुरूप नहीं मिलता, इन्हीं सब वजहों से मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों में आक्रोश की स्थिति आए दिन उत्पन्न होती रहती है।
म.प्र. महंगाई भत्ता/राहत |
मध्यप्रदेश में महंगाई की दर अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक ही रहती है, अक्सर हम ऐसा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के ऑंकड़ों के मुताबिक कह रहे हैं। यह बात भी विधित है कि मध्यप्रदेश के कर्मचारियों का वेतन एवं मिलने वाले भत्ते एवं इसके प्रकार अन्य किसी भी राज्य सरकार के कर्मचारियों से कम है। ऐसी स्थिति में महंगाई भत्ते का समय से मिलना कर्मचारियों के लिए डूबने वालों के लिए तिनके के समान हो जाता है, परन्तु विगत करीब 4 वर्ष से देखने में आ रहा है कि मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता कभी केन्द्र के समान नहीं हो पाया है। असल में केन्द्र के समान महंगाई भत्ता की दुहाई देना गलत है, क्योंकि केन्द्र की सरकार अलग है एवं राज्य की सरकार अलग, तो फिर हमें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की दुहाई देना चाहिए जो असल में छमाही महंगाई भत्ता को निर्धारित करता है। एआईसीपीआईएन ऑंकड़ों के मुताबिक ही केन्द्र की सरकार एवं कुछ राज्य सरकारें जैसे राजस्थान की सरकार जो कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखती हैं, महंगाई भत्ता समय से बढ़ा देती हैं।
अब मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को इस बात की भी फिकर है कि आखिर बढ़ रही महंगाई एवं उस पर मिलने वाले भत्ते का एरियर जो निम्नतम श्रेणी कर्मचारी के लिए तकरीबन 1 लाख रूपये हो सकता है, क्यों नहीं दिया गया। क्या महंगाई की मार झेल रहे मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारी यूँही अपने परिवार को भूखा-प्यासा तड़पता देखता रहे? इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारी एवं पेंशनर्स आये दिन आन्दोलन व हड़ताल का रास्ता इख्तियार कर लिया करते हैं। मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचरियों को उम्मीद थी कि उनका महंगाई भत्ता केन्द्र के समान दशहरा अथवा दीवाली पर हो जाएगा, नहीं हुआ। मध्यप्रदेश की सरकार ने दीवाली के एक दिन पहले अक्टूबर माह का वेतन दे दिया और आज नवम्बर के अंतिम सप्ताह पूर्व ही मध्यप्रदेश के अधिकांशत: सरकारी कर्मचारियों की जेब खाली है और उधार रूपये लेकर महीने का गुजर-बसर कर रहे हैं। दीवाली के पूर्व वेतन दिया जाना सही नहीं था, महंगाई भत्ता एवं उस पर एरियर जो कर्मचारियों का हक़ था वह दिया नहीं गया बल्कि दीवाली से एक दिन पहले एवं महीने से लगभग 1 सप्ताह पहले वेतन दिया जाना कर्मचारियों के साथ एक फरेब था, ऐसा मध्यप्रदेश के कर्मचारी मानने को मज़बूर हुए।
दूसरी तरफ मध्यप्रदेश राज्य के स्थापना दिवस 1 नवम्बर को केन्द्र के समान महंगाई भत्ते की उम्मीद थी, परन्तु उस दिन भी निराशा हाथ लगी। वहीं 15 नवम्बर को छत्तीसगढ़ की सरकार ने अपने पेंशनर्स के लिए भी 28 से 5 प्रतिशत महंगाई राहत बढ़ाकर 33 प्रतिशत करने की घोषणा कर दी, यही महंगाई राहत मध्यप्रदेश के पेंशनर्स को भी मिलेगा क्योंकि म.प्र.-छ.ग. पुनर्गठन की धारा-49 के मुताबिक एक चौथाई स्वत्तों का भुगतान छत्तीसगढ़ को करना है बकाया का मध्यप्रदेश सरकार को। धारा-49 को हटाने के लिए मध्यप्रदेश के पेंशनर्स पूर्व में भारत सरकार एवं दोनों राज्यों की सरकारों को कई बार ज्ञापन सौंप चुके हैं और यह भी ज्ञापन में बताया गया है कि किस प्रकार दोनों राज्यों के पेंशनर्स को हज़ारों रूपये का आर्थिक नुकसान प्रतिमाह होता है।
मध्यप्रदेश में आवास भत्ता छठवें वेतनआयोग के अनुसार मिलता है जिसके खिलाफ़ आये दिन आवाज़ उठती रहती है। परन्तु हाल के ही ख़बर के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार आवास भत्ता तो नहीं बढ़ाएगी परन्तु जिन कर्मचारियों को सरकारी आवास आवण्टित हुआ है उनसे आवास का किराया लगभग 50 प्रतिशत अधिक वसूल करेगी, इस वजह से भी मध्यप्रदेश के एक बहुत बड़े कर्मचारियों के तबके में हताशा की भावना घर कर गई है। इन्हीं सब बातों को ध्यानगत रखते हुए मध्यप्रदेश का पेंशनर्स एसोशिएशन 24 नवम्बर 2022 को भोपाल के चिनार पार्क में वृहद आन्दोलन करने वाला है जिसमें अन्य कई सारी मॉंगों के साथ महंगाई भत्ता/राहत का केन्द्र के समान मिलना भी है। दूसरी तरफ मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा भी महंगाई भत्ते को केन्द्र के समान केन्द्रीय तिथि से एवं एरियर समेत मिलने के लिए आन्दोलन की चेतावनी दे चुका है।
इसी उम्मीद के साथ की मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनर्स की मॉंग मध्यप्रदेश की सरकार जल्द पूरा कर ले, हम यह लेख समाप्त करना चाहेंगे।
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