राजस्थान सरकार ने कुछ महीने पहले ही, जुलाई 2021 में केन्द्र के समान 28 प्रतिशत मंहगाई भत्ता कर दिया था। यह बात बहुत ही रोचक है कि राजस्थान सरकार में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों को इसके लिए किसी भी प्रकार का कोई आन्दोलन नहीं करना पड़ा था। कोरोना वायरस महामारी के चलते केन्द्र सरकार समेत कई राज्य सरकारों ने मंहगाई भत्ता व वेतन वृद्धि रोक दिया था। जुलाई 2021 में केन्द्र व कई राज्यों ने समेकित 11 प्रतिशत मंहगाई भत्ता बढ़ाते हुए कुल 28 प्रतिशत मंहगाई भत्ता देने का फैसला लिया।
Rajasthan Govt 31% DA |
यह बात गौर करने की है कि एक तरफ जहां केन्द्र व कई राज्यों ने पहले ही जुलाई 2019 में मंहगाई भत्ता का प्रतिशत 17 प्रतिशत कर दिया था, वहीं पर मध्यप्रदेश की कांग्रेस शासित कमलनाथ की सरकार ने मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को उनके मंहगाई भत्ता के हक से वंचित रखते हुए सिर्फ 12 प्रतिशत ही मंहगाई भत्ता दिया। उधर जब कमलनाथ की सरकार मार्च 2020 में गिर गई व शिवराज सरकार आई तो कोविड-19 का बहाना बनाते हुए तत्काल बढ़ाये गये 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ते के आदेश को भी निरस्त कर दिया। यह मंहगाई भत्ता केन्द्रीय तिथि से अर्थात् जुलाई 2019 से ही मिलने वाला था।
दीपावली के पवित्र त्यौहार पर केन्द्र समेत कई राज्यों ने अपने सरकारी कर्मचारियों को बढ़ते हुए इस मंहगाई के दौर में राहत प्रदान किया है। राजस्थान की सरकार ने भी केन्द्र सरकार के नक्शे कदम पर चलते हुए 3 प्रतिशत का मंहगाई भत्ता पुन: बढ़ाते हुए 31 प्रतिशत कर दिया है। अच्छी बात तो यह है कि केन्द्र सरकार की ही भांति राजस्थान सरकार जुलाई 2021 से यह बढ़ा हुआ 3 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दे रही है और इसका एरियर भी अपने सरकारी कर्मचारियों के खाते में देने की घोषणा कर चुकी है।
उधर मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारी आज देश में सबसे कम मंहगाई भत्ता एवं वेतन पाने वाले कर्मचारी बन गये हैंं। कहा जाता है कि झारखण्ड व बिहार राज्य बीमारू प्रदेश हैं, परन्तु असलियत तो यही है कि बीमारू प्रदेश ये दोनों राज्य नहीं अपितु मध्यप्रदेश है। मध्यप्रदेश में रूपये की कोई कमी न होने के बावजूद भी यहां के नेताओं में यह इच्छाशक्ति नहीं है कि वह अपने कर्मचारियों के लिए अच्छा सोच सके। चाहे कांग्रेस की कमलनाथ सरकार हो या चाहे बीजेपी की शिवराज सरकार, इन दोनों ने ही अपने सरकारी कर्मचारियों का शोषण किया है।
मध्यप्रदेश में उपचुनाव जो कि मुख्यत: खण्डवा जिला की विधानसभा सीट पर 30 अक्टूबर 2021 को है, शिवराज सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों को दिवाली तोहफा बताकर सिर्फ 8 प्रतिशत का मंहगाई भत्ता दिनांक 01 अक्टूबर 2021 से बढ़ाया है जिसका भुगतान नवम्बर 2021 के वेतन के साथ किया जाएगा। दुखद बात यह है कि मध्यप्रदेश की सरकार ने पिछला 2019 जुलाई, 2020 जनवरी और जुलाई एवं 2021 जनवरी और जुलाई का मंहगाई भत्ता व एरियर से अपने सरकारी कर्मचारियों को वंचित रखा है। इस प्रकार मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को लगभग एक लाख से लेकर तीन लाख रूपये तक का नुकसान हुआ है।
उधर छत्तीसगढ़ की बीजेपी जोकि अभी विपक्ष पार्टी के रोल पर है, ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों काेे 31 प्रतिशत मंहगाई भत्ता न देने के आरोप में सड़क पर उतरकर धरना देने की बात कही है। और विडम्बना यह देखिये कि मध्यप्रदेश में बीजेपी की ही सरकार है जो लगातार निरन्तर अपने सरकारी कर्मचारियों का शोषण करती आ रही है और यहां न तो कांग्रेस सरकारी कर्मचारियों की वकालक कर रही है और न ही बीजेपी। बात साफ है, यह लड़ाई मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को खुद लड़नी होगी।
इस लड़ाई का एक सबसे बड़ा मुद्दा है लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति, जिन्हें सामान्यतया बाबूू या आधिकारिक तौर पर सहायक ग्रेड-1,2,3 या सेक्शनल ऑफिसर कहा जाता है, को लेकर है। लिपिकों का पूर्व में वेतन आज के शिक्षक वर्ग-3 एवं डाटा एन्ट्री ऑपरेटर के समान था, परन्तु कुछ वर्षों पूर्व लिपिकों के साथ धोखा किया गया। अन्य संवर्गों का ग्रेड पे बढ़ा दिया गया और लिपिकों को उसी दलदल में ढकेल दिया गया। लिपिक के वेतन विसंगति को दूर करने का दावा हर सरकार ने किया है परन्तु सभी ने धोखा ही दिया है। लिपिक वर्ग आज अत्यंत काम करने के बाद भी आर्थिक व मानसिक तनाव का सामना कर रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व ही मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार ने कई पदों का वेतनमान पुन: बढ़ा दिया था परन्तु लिपिकों को मिला सिर्फ धोखा और सिर्फ धोखा।
वीडियो- म.प्र. सरकारी कर्मचारी 28% महंगाई भत्ता और लिपिक वेतन विसंगति की रूपरेखा, क्लर्क के साथ धोखा और शोषण
दोस्तों मध्यप्रदेश का अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा सज़ग रूप से इस लड़ाई को आगे बढ़ा रहा है, परन्तु लिपिक वेतन विसंगति दूर करने के लिए हम अकेले रह जाएंगे, इसलिए सभी लिपिक वर्गीय कमचारियों को एक मंच पर आकर अपनी मांग को पूरा कराने के लिए ऐतिहासिक आन्दोलन विधानसभा चुनाव 2023 से पहले करना चाहिए। हम इस लड़ाई में सदा आपके साथ रहेंगे एवं पल-पल की अपडेट आपको देते रहेंगे।
वीडियो- सरकारी कर्मचारियों के लिए आई खुशखबरी, महंगाई भत्ते में 31 प्रतिशत बढ़ोतरी के आदेश जारी | MP Govt DA?
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